अयोध्या अब विवाद नहीं बल्कि विकास को लेकर चर्चा में

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October 12, 2022

श्रीराममंत्र महायज्ञ के संत सम्मेलन में हुआ संतों का जमावड़ा, जुटी नामी गिरामी हस्तियां

जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं: बागेश्वर धाम

संत सम्मेलन में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ करेंगे शिरकत

अयोध्या। श्रीरामहर्षण मैथिल सख्यपीठ धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट चारूशिला मंदिर में संचालित श्रीराममंत्र महायज्ञ में संत सम्मेलन का दौर शुरु हो गया है जो तीन दिन चलेगा जिसमें देश भर से जाने मानी हस्तियों का जमावड़ा होगा। मंगलवार को संत सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। संत सम्मेलन में अयोध्या सहित देश के कोने-कोने से पहुंचे संतों ने अयोध्या व श्रीराम की महिमा गिनाई साथ ही कहा कि अयोध्या अब विवाद नहीं बल्कि विकास को लेकर चर्चा में है। हम सबको विश्वास है कि अयोध्या की गौरव-गरिमा जल्द ही पुर्नस्थापित होगी।

जगद्गुरू रामानन्दाचार्य रामदिनेशाचार्य ने कहा कि परंपरागत ज्ञान तभी मिलता है जब संत चरणों का आश्रय मिल जाए। कहा कि श्रीराम भजनीय तत्व हैं, जिसने उनको भजा श्रीराम उसे कभी नहीं तजते हैं। कहा कि अयोध्या अब विवाद नहीं बल्कि विकास को लेकर चर्चा मे हैं। जिस गति से अयोध्या विकसित हो रही है, जल्द ही पूरी दुनिया इस ओर आकर्षित होगी। बागेश्वर धाम से आए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं, इसलिए अपना नाता राम से जोड़िए, ‌फिर भवसागर पार होने से कोई रोक नहीं सकता। जगद्गुरू रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य ने कहा कि श्रीराम का जीवन हम सबको नकारात्मकता से दूर रहकर सत्य की राह पर चलते हुए विषम से कठिन समय में संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि संतों का दर्शन ही रामकथा का सार है। आज पूरा राष्ट्र आस्था एवं सकारात्मक भावना के साथ प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर से निर्माण जुड़ा हुआ है। रामनगरी अयोध्या में इस अद्वितीय ऐतिहासिक राम भक्तों के इस महाकुंभ श्रीराममंत्र महायज्ञ में संत सम्मेलन के संयोजक जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी बल्लभाचार्य जी महाराज ने बताया कि संत सम्मेलन का समापन 13 अक्तूबर को होगा। श्रीराममंत्र महायज्ञ में देश भर से लाखों भक्त पहुंचे हैं। 501 जापकों द्वारा प्रतिदिन राममंत्र से आहुतियां डाली जा रही हैं। सम्मेलन के दूसरे दिन सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ करेंगे शिरकत। संचालन डॉ.रामानंद दास ने किया। संत सम्मेलन में महंत जन्मेजय शरण, महंत वैदेही वल्लभ शरण, महंत गौरीशंकर दास, राघवेंद्र दास ऋषिकेश, उज्जैन के डॉ.मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, महंत ‌हरिभजन दास, महंत रामजी शरण सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

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