बाबा संगत बक्स उदासीन ऋषि आश्रम रानोपाली के आचार्यो को संत धर्माचार्यों आज अर्पित करेंगे श्रद्धा सुमन
गुरु पूजन का मुख्य उत्सव ध्वज पूजन समेत समाधिस्थ गुरुओं का होगा विशेष पूजन
अयोध्या। गुरु और शिष्य की परंपरा आज भी उदासीन परंपरा में जीवंत है। उदासीन ऋषि आश्रम के समाधिस्थ महापुरुषों की ख्याति अयोध्या ही नही संपूर्ण भारत वर्ष में फैली है। वैसे तो पूरी राम नगरी अयोध्या में गुरु शिष्य की परंपरा अपने रस की सुगंध से महकती रहती है लेकिन त्याग तपस्या की प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा संगत बक्स उदासीन ऋषि आश्रम रानोपाली में प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष के अवसर पर अपने गुरु स्मृति में समारोह से गुंजायमान होती रहती है। जिसमे रामनगरी के संतो महंतो ने आचार्यो के प्रति अपनी श्रद्धा निवेदित कर अपनी भावमयी पुष्पांजलि अर्पित करते है। उदासीन आश्रम में गुरु पर्व को सादगी से मनाया जा रहा है। गुरु पर्व पर प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में शिष्य अपने गुरुओं को नमन करने देश के कोने-कोने से आश्रम में पहुंचते थे और नमन करते थे। कार्यक्रम के संयोजक उदासीन ऋषि आश्रम के युवा महंत डॉ भरत दास जी महाराज ने बताया 200 वर्ष पहले भजनानंदी सिद्ध संत संगत बक्स बाबा ने इस आश्रम की स्थापना की थी और देश के कोने कोने में उनके शिष्य थे और वह सभी लोग गुरु पर्व के अवसर पर आश्रम में आकर के गुरु भगवान को नमन करते थे। संगत बाबा के साथ आश्रम से जुड़े सभी यशस्वी संतो को याद किया जाएगा।उन्होंने कहा कि रविवार को रामनगरी के संत धर्माचार्यों सभी समाधिस्थ गुरुओं को नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। गुरु पर्व 22 सितंबर को आयाराम अखाड़े में भड़ारे के साथ समापन होगा।