गंगा दशहरा पर पंचाग्नि हठ योग का संतो ने किया विश्राम

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June 10, 2022

धूनी विसर्जित व गंगा दशहरा पर त्यागी संतों ने मां सरयू को सवा कुंटल दूध का अभिषेक कर 7 सौ मीटर की चुनरी मां सरयू को चढ़ाई

अयोध्या। अयोध्या तपस्या की भूमि है यहां पर अनेक साधु संत हुए है। जिन्होंने अपने जप तप के बल पर पूरी दुनिया में अपने प्रभुत्व को स्थापित किया है। वैष्णो त्यागी संतो महात्माओं में पंचाग्नि में बैठकर साधना करने का बहुत महत्व है। पंचाग्नि साधना में महात्यागी संत अपने चारों तरफ गौ माता के गोबर के कंडे का गोला बनाकर ख्पर में अग्नि रखकर सर पर रख लेते हैं और खुले आसमान सूर्य के धूप में घंटों बैठकर जप तक करते है।यह साधना बसंत पंचमी से प्रारंभ होकर गंगा दशहरा तक चलती है।जो महात्मा पंचाग्नि तपस्या का संकल्प लेता है, उसे यह तपस्या 18 वर्षों तक लगातार करनी होती है। किसी कारण बस एक भी दिन खंडित होने पर पुनः यह प्रक्रिया एक से प्रारंभ होकर 18 वर्षों तक चलेगी। यह साधना खुले आसमान में होती है इसमें अपने चारों तरफ आग का गोला बनाकर सर पर अग्नि रखकर जपतप अनुष्ठान करना होता है। इसी क्रम में गंगा दशहरा पर्व पर रामनगरी में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होते है। इस अवसर पर पंचाग्नि साधना का विश्राम भी होता है। बसंत पंचमी से शुरू होने वाली है तपस्या गंगा दशहरा को समाप्त होती है और पुनः अगले वर्ष बसंत पंचमी से ही प्रारंभ होती है। इस अवसर पर अवध उत्थान समिति के तत्वाधान में गंगा दशहरा के अवसर पर पंचाग्नि का विश्राम हवन पूजन के साथ किया गया और रुदौली के भाजपा विधायक रामचंद्र यादव के नेतृत्व में मां सरयू का अभिषेक जी किया गया।धूनी विसर्जित व गंगा दशहरा के अवसर पर तपस्या संतों ने मां सरयू को सवा कुंटल दूध का अभिषेक कर 7 सौ मीटर की मां को चुनरी चढ़ाई। वैदिक आचार्यों द्वारा 4 महीने से चल रही अनवरत तपस्या का पूजन अर्चन कर संकल्प द्वारा विसर्जन कराया गया।अवध उत्थान समिति के अध्यक्ष पंचाग्नि साधक महंत परशुरामदास ने बताया कि पंचाग्नि साधना विश्राम के अवसर पर मां सरयू का अभिषेक किया गया और हवन पूजन कर लगभग दर्जनभर संतों ने अपने इस साधना का विश्राम दिया फिर अगले वर्ष यह साधना बसंत पंचमी को प्रारंभ होगी। पंचाग्नि साधना विश्राम के अवसर पर ब्राह्मणों और संतों को प्रसाद भी पवाया गया। कार्यक्रम के यजमान समाजसेवी आशीष मौर्या सोनू जी ने कहा कि अयोध्या संतो और साधको की धरती है। भगवान श्री राम सबके है। आज अयोध्या विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रही है। मेरा व मेरे परिवार का सौभाग्य है जो त्यागी संतों के दर्शन हुए आज हम सपरिवार मां सरयू का पूजन अर्चन कर अपने को धन्य मान रहे है। इस अवसर पर महंत धर्मदास, महंत विजय रामदास, महंत राम कुमार दास, श्री राम कथा के मर्मज्ञ चंद्रांशु जी महाराज, हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास, महंत राम बालक दास, रुदौली विधायक रामचंद्र यादव, टांडा की पूर्व विधायक संजू देवी, समाजसेवी आशीष मौर्या उर्फ सोनू, नंदकिशोर जयसवाल, विकास सिंह, अमर सिंह, भाजपा के जिला मंत्री विपिन सिंह बबलू, सियाराम यादव, मस्तराम यादव, धर्मवीर वर्मा सहित सैकड़ों संत महंत भक्त वृंद उपस्थित रहे।

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