तपस्वी छावनी की परिसंपत्तियों में दर्ज है औलिया बापू,अपदस्थ महंत कैसे करेगा उत्तराधिकारी घोषित व बनाएगा ट्रस्ट
हरिवंश दास औलिया बापू ने विपक्षियों द्वारा बनाए गए ट्रस्ट को बताया फर्जी, निरस्तीकरण के लिए कोर्ट में अर्जी देने की कही बात
अयोध्या। रामनगरी की प्राचीन पीठ तपस्वी छावनी में चल रहा महंती का विवाद हर दिन नया मोड़ ले रहा है। महंती विवाद को लेकर अयोध्या के संतों के दो गुट आमने-सामने हैं। इस बीच एक अन्य पक्ष की इंट्री से विवाद को नई दिशा मिल गई है। तपस्वी छावनी के साकेतवासी महंत सर्वेश्वर दास के बड़े गुरूभाई हरिवंश दास औलिया बापू ने शुक्रवार को तपस्वी छावनी में हनुमानगढ़ी के नागा-साधुओं की मौजूदगी में कहा कि वास्तव में मंदिर के असली सर्वराहकार तो वह स्वंय हैं। इसकी पुष्टि तपस्वी छावनी की परिसंपत्तियों में दर्ज उनके नाम से होती है। साथ ही उन्होंने विपक्षियों द्वारा बनाए गए ट्रस्ट को फर्जी बताते हुए इसके निरस्तीकरण के लिए कोर्ट में अर्जी देने की भी बात कही। उन्होंने तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी के रूप में परमहंसाचार्य का समर्थन किया।दिवंगत महंत के गुरुभाई हरिवंश दास महाराज ने कहा कि सर्वेश्वर दास हमारे अनुज थे। करीब डेढ़ साल बाद वह मिले तो उन्हें आश्रम में वापस लाकर फिर से इसलिए रख दिया कि वह कहीं इधर-उधर भटके नहीं। वयोवृद्ध महंत ने कहा कि उन्हें दोबारा यहां महंत पद पर पदस्थ नहीं किया गया था और न ही हमने पद से त्यागपत्र ही दिया तो फिर वह किस अधिकार से अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर सकते थे। यही नही जब यहां से अपदस्थ थे तो किस अधिकार से परिवाराचार्य की गद्दी का ट्रस्ट बना सकते थे।


इस दौरान निर्वाणी अनी अखाड़ा हनुमानगढ़ी पूर्व प्रधानमंत्री वरिष्ठ महंत माधव दास ने कहा कि गुंडागर्दी के बल पर दूसरे पक्ष द्वारा तपस्वी छावनी पर अवैध कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि हमें सर्वेश्वर दास की तेरहवीं संस्कार भी नहीं करने दिया जा रहा है। महंत की जरूरत ही नही है कि क्योंकि परमहंसाचार्य पहले ही महंत बनाए जा चुके हैं। इस दौरान मौजूद बड़ी संख्या में नागा साधुुओं ने परमहंसाचार्य के समर्थन में हुंकार भरी। इस अवसर पर संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास, गद्दीनशीन के शिष्य हनुमत संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य महंत डॉ.महेश दास, महंत नंदरामदास, हनुमान बाग के महंत जगदीश दास, महंत सत्यदेव दास, महंत अजीत दास पहलवान, महंत रामदास करतलिया, पुजारी हेमंतदास, मामा दास, राजेश दास पहलवान, अभिषेक दास, मनीराम दास, सहित बड़ी संख्या में नागा-साधु मौजूद रहे।