राम नगरी के चुहुओर रहा उल्लास,मेले जैसे महौल में घर्मनगरी पटी भक्तों से
अयोध्या-फैजाबाद। गुरूपूर्णिमा पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं भक्तों ने पावन सलिला सरय में डुबकी लगायी एवं अपने आराध्य के दरबार में माथा टेका तथा पूजन अर्चन किया। गुरूपूर्णिमा पर्व पर अपने गुरू के प्रति श्रद्धा निवेदित करने एवं दर्शन पूजन के उद्देश्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रामनगरी अयोध्या में उमड़ी। गुरूपूर्णिमा पर्व को देखते हुये प्रशासन द्वारा रामनगरी में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे। जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती रही तथा चार पहिया वाहनों का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहा।इससे पूर्व ब्रह्ममुहूर्त से ही उमड़े बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं भक्तों ने सरयू स्नान कर विभिन्न मंदिरों में दर्शन पूजन किया।बाईपास स्थित कामधेनु मंदिर में महामंडलेश्वर महंत आशुतोष दास की देख रेख में गुरू पूर्णिमा मनाया गया। महंत आशुतोष दास ने अपने गुरु की पूजा कर आरती उतारी। महंत आशुतोष दास कहते है कि हमारी संस्कृति में गुरु को ब्रह्मा विष्णु तथा महेश से भी अधिक महत्व दिया गया है, परंतु गुरु अपने को ऐसा नहीं मानता। वह केवल शिष्य की श्रद्धा में अतिविशिष्ट है, क्योंकि स्वयं को सर्वोच्च मानने पर गुरु स्वयं अहंकार द्वारा पतन की ओर उन्मुख हो सकता है। गुरु का कार्य शिष्य को अध्यात्म की ओर प्रेरित करना है।