15-20 सालों से चित्रकूट में साधू बन कर रह रहा था छेदा सिंह

विक्रम मल्लाह के यहां से फूलन देवी का अपहरण करने वाला डकैत पकड़ा गया, संत बना हुआ था
चित्रकूट। पुलिस के मुताबिक छिद्दा के पास से बृजमोहन दास नाम का फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और राशन कार्ड मिला। छेदा सिंह के खिलाफ जालौन, कानपुर देहात और औरैया में आईपीसी की कई धाराओं के तहत 21 मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक छिद्दा सिंह पर यह भी आरोप है कि 1981 में बेहमई कांड से पहले जब फूलन देवी का अपहरण विक्रम मल्लाह के ठिकाने से किया गया था, तब छिद्दा सिंह उसमें शामिल था।
गिरफ्तार आरोपी छेदा सिंह ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि लालाराम गैंग में सक्रिय रहने के दौरान उसने गैंग के साथ मिलकर दर्जनों लूट और अपहरण की घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक साल 1998 में उसने गैंग के साथ मिलकर थाना अयाना क्षेत्र के जसवंतपुर गांव के 4 लोगों का अपहरण किया था। इसमें कुछ लोगों को फिरौती लेकर छोड़ दिया गया था और एक अपहर्ता को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान छुड़वाया था। इसी मुकदमे में पुलिस को छिद्दा की तलाश थी। धीरे-धीरे जब लालाराम गैंग का अंत होने लगा, तो पिछले 15-20 सालों से छिद्दा चित्रकूट में साधू बन कर रह रहा था।
पिछले 24 सालों से डकैती और लूट के मामलों में फरार चल रहे आरोपी डकैत छेदा सिंह उर्फ ‘छिद्दा’ को गिरफ्तार कर लिया गया है। छिद्दा को उत्तर प्रदेश की औरैया पुलिस ने रविवार, 26 जून को गिरफ्तार किया। लालाराम गैंग के सक्रिय सदस्य रहे छिद्दा पर 50 हजार का इनाम भी था। ऐसा बताया जाता है कि छेदा सिंह फूलन देवी की किडनैपिंग में भी शामिल रहा था। छिद्दा के खिलाफ लूट और अपहरण के दर्जनों मामले दर्ज हैं। पुलिस से बचने के लिए वो साधू बनकर मध्य प्रदेश में रह रहा था। हालांकि, पुलिस ने छिद्दा को औरैया स्थित गांव भासौन में उसके घर से ही गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक छिद्दा शनिवार 25 जून को भासौन गांव, अयाना स्थित अपने घर आया था। मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी थी कि छिद्दा साधु-संतों के साथ गाड़ी से अपने घर पर आया है। सूचना के आधार पर अयाना पुलिस की आठ लोगों की टीम उसके घर पहुंची और गिरफ्तार कर लिया।