25 जून 1975 काे कांग्रेस पार्टी ने निजी स्वार्थों की रक्षा के लिए लाेकतंत्र की थी हत्या: जगतगुरु परमहंस आचार्य
कहा, 42वां संविधान संशोधन रद्द कर भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए
अयाेध्या। तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने शनिवार काे अपने आश्रम पर वेद मंत्राेच्चार के साथ संविधान का पूजन-अर्चन किया। उन्होंने कहा कि मैंने संविधान का आरती उतारकर पूजन-अर्चन किया है। साथ ही साथ काला दिवस भी मनाया है। क्योंकि 25 जून 1975 काे कांग्रेस पार्टी ने निजी स्वार्थों की रक्षा के लिए लाेकतंत्र की हत्या किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशाें की अवमानना करके। देश में आपातकाल घाेषित किया था, जिसमें 21 महीने तक पूरा देश जेल के रूप में तब्दील रहा। उस समय जितने भी निर्दाेष राष्ट्रवादी लाेग थे। उन्हें अकारण ही जेल में डाल दिया गया था। तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थीं। साथ ही संविधान के साथ भी छेड़छाड़ किया गया। इसलिए दाेबारा उस तरह के हालात देश में न पैदा हाें। इसके लिए मैंने 25 जून काे काला दिवस मनाया है। इसके अलावा देश के संविधान का भी आरती-पूजन किया है। क्याेंकि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। बिना राष्ट्र के कुछ भी संभव नही है। परमहंस आचार्य ने कहा कि संविधान के दायरे में सभी काे रहना चाहिए। जाे लाेग सेना पर पत्थर मार रहे व पत्थरबाजी कर रहे हैं। राष्ट्रविरोधी नारा लगा रहे और देश काे जला रहे हैं। ऐसे लाेग संविधान के दायरे में आ जाएं। क्योंकि देश से बड़ा काेई नही है। केंद्र सरकार से मेरी मांग है कि एक कानून ऐसा बनाया जाए। जाे देश काे जलाने वाले लाेग हैं। उनकाे माैके पर ही गाेली मार दी जाए। देश से बड़ा काेई नही हो सकता है। तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर ने कहा कि 42वां संविधान संशोधन जाे किया गया था। उसमें बहुत सी एंटी नेशनल धाराएं जाेड़ी गई हैं। इसलिए 42वां संविधान संशोधन रद्द कर भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। यही मांग हमारी केंद्र की माेदी सरकार से है।