देवी सीता का मायका माना जाता है जानकी महल ट्रस्ट,दूल्हा-दूल्हन सरकार के रूप में विराजति है युगल
अयोध्या। जानकी महल ट्रस्ट में रामविवाह उत्सव की भव्यता देखते ही बनती है। माता सीता के मायके के रूप में प्रचलित जानकी महल की स्थापना जानकी वर बिहार कुंज के रूप में की गई थी। दूल्हा-दूल्हन सरकार के रूप में विराजति युगल सरकार की नयनाभिराम जोड़ी की अष्टायाम सेवा उनके परिकर करते हैं। जानकी महल ट्रस्ट के आदित्य सुल्तानिया बताते हैं कि जनकपुर की परंपरा में दूल्हा सरकार विवाहोपरांत कोहबर में ही लीला का दर्शन कराते हैं। मंदिर में भगवान के उत्थापन से लेकर रात्रि शयन तक आठो पहर की सेवा मधुर उपासना की ही रीति से की जाती है। बताया कि 5 दिसंबर को रामार्चा पूजन के साथ ही उत्सव की शुरूआत हो जाएगी। 6 को फुलवारी लीला होगी जो विवाहोत्सव का मुख्य आकर्षण होती है। 7 को हल्दी तिलक एवं मेंहदी की रस्म तो 8 को रामबरात निकाली जाएगी। 9 दिसंबर को छप्पन भोग के साथ विवाह उत्सव का समापन होगा।