जीव को बंधन से मुक्त करती है श्रीमद् भागवत कथा: रामदिनेशाचार्य

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May 25, 2022

रामानन्दाचार्य ने कहा, जीवन में कभी हताश नहीं होना चाहिए,अपना सबकुछ भगवान को सौंप दीजिए सबकुछ उन्हीं को मान लीजिए। अपने आप को समर्पित कर दीजिए। उन पर भरोसा रखिए वो आपकी सभी बिगड़ी बनाने का कार्य करेंगे

व्यासपीठ का पूजन करते यजमान

अयोध्या। पूराबाजार विकास खंड के रहेरवा नारा गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बुधवार को कथा का रसपान कराते हुए जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीव को अमरता प्रदान करती है। इसके सुनने मात्र से जीव का कल्याण हो जाता है। यह जीव को सभी बंधनों से मुक्त करती है।
रामानन्दाचार्य जी कथा के द्धितीय दिवस भागवत कथा सुनाते हुए कहते है कि जीवन में कभी हताश नहीं होना चाहिए। अपना सबकुछ भगवान को सौंप दीजिए, सबकुछ उन्हीं को मान लीजिए। अपने आप को समर्पित कर दीजिए। उन पर भरोसा रखिए वो आपकी सभी बिगड़ी बनाने का कार्य करेंगे। उनके बिना सृष्टि में एक पत्ता तक नहीं खरक सकता। वह सृजनकर्ता भी हैं और संहार कर्ता भी। सदैव अपने कर्म अच्छे रखिए। परोपकार और पुण्य कार्य का कोई विकल्प नहीं है। प्रयास कीजिए कि आपके मन, वाणी और कर्म से किसी को कष्ट न पहुंचे। दीनहीनों, गरीबों की सेवा से बड़ा पुण्य कार्य दूसरा कुछ भी नहीं है। परोपकार और पुण्य कार्य करते रहिए आपके जीवन में बड़ी से बड़ी बाधाएं आए फिर भी अपने रास्ते से विचलित न हों। एक समान बने रहिए, बाधाएं आएंगी और कैसे चली गई पता भी नहीं चलेगा। यह स्वयं भगवान की कृपा से संभव होगा। कारण ऐसे लोगों की भगवान कभी बिगड़ने नहीं देते, वह स्वयं नजर रखते हैं।कथा से पूर्व व्यासपीठ का पूजन मुख्य यजमान श्रीमती मिथलेश सिंह व अखंड प्रताप सिंह ने किया। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का संचालन गौरव दास शास्त्री व शिवेन्द्र शास्त्री कर रहे है। कथा में आज बड़ी संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहें।

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