अयोध्या। अखिल भारतीय श्री पंच तेरह भाई त्यागी खाक चौक अयोध्या में भव्य श्रीराम कथा महोत्सव का दिव्य आयोजन हो रहा है। जिसमें प्रख्यात कथावाचक महंत अयोध्या दास जी अपने श्रीमुख से रामकथा की अमृत वर्षा कर रहे है। कथा के द्धितीय दिवस पर कथाव्यास महंत अयोध्या दास जी ने कहा कि जीवन जीना सीखना है तो श्री रामायण से सीखो और मरना सीखना है तो भागवत गीता से सीखो। त्रिवेणी संगम में गंगा, जमुना, सरस्वती का मिलन होता है। मिलन में गंगा जमुना तो दिखाई देती हैं लेकिन सरस्वती को कोई नहीं देख पाता, सरस्वती को देखने के लिए कई बार प्रयास करने पड़ते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती। इसी तरह गीता में विज्ञान, वैराग्य और भक्ति है, लेकिन विज्ञान और वैराग्य तो दिखाई देता है लेकिन भक्ति नहीं दिखाई देती, भक्ति को देखने के लिए लीन होना पड़ता है।
व्यासपीठ का पूजन यजमान श्रीमती राजेश्वरी श्री परमेश्वर वैष्णव ने किया।कथा के शुभारंभ मे खाक चौक के श्रीमहंत बृजमोहन दास, श्रीमहंत कृष्ण गोपाल दास, महंत श्री पुजारी रामचरण दास, महंत परशुराम दास, महंत धर्मदास, महंत अयोध्या दास, महंत बालयोगी रामदास, महंत कमलादास रामायणी, महंत विजयरामदास सहित बड़ी संख्या में संत साधक मौजूद रहें।