दंत धावन कुंड स्थित तुलसी चौरा मंदिर में धूमधाम से मनाया गया गोस्वामी तुलसीदास जी जन्म जयंती


अयोध्या। प्रभु श्रीराम को जन-जन तक रामचरित मानस से पहुंचाने वाले गोस्वामी तुलसीदास की जयंती रामनगरी अयोध्या में धूमधाम से मनाई गई। तुलसी चौरा मंदिर में तुलसी के जन्मोत्सव पर सुबह से बधाईयां बजी।
रामनगरी के दंत धावन कुंड स्थित तुलसी चौरा मंदिर जहां पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस की प्रथम टीका की थी। उसी पवित्र स्थान पर आज गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई। जिसमें पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया। तो वही देर शाम कवि सम्मेलन व गोस्वामी तुलसीदास जी जीवन चरित्र पर विद्धानों द्धारा गोष्ठी किया गया। यह आयोजन मंदिर के पीठाधीश्वर महंत विवेक आचारी महाराज के संयोजन में हुआ। दंत धावन कुंड पीठाधीश्वर महंत विवेक आचारी महाराज कहते है कि सावन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के एक महान कवि थे। रामचरित मानस जैसे महाकाव्य की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने ही की थी। तुलसीदास की इस रचना ने उन्हें अमर कर दिया। रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का काव्य रूप में वर्णन किया है। कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास को प्रभु श्रीराम के साक्षात दर्शन हुए थे। तुलसीदास जी ने कवितावली, दोहावली, हनुमान बाहुक, पार्वती मंगल, रामलला नहछू आदि कई रचनाएं कीं। उनके दोहे भी जन-जन की जुबां पर आज भी हैं। उनके दोहों ने व्यक्ति एवं समाज को अच्छे संदेश दिए हैं। उनके दोहों से अच्छी सीख मिलती हैं। इस मौके पर कैस्तुभ मणि आचारी, बादल आचारी, महंत दिलीप दास त्यागी सहित बड़ी संख्या में संत साधक मौजूद रहें।