श्यामा सदन मंदिर में भगवान की हो रही अष्टयाम सेवा
बालयोगी महंत श्रीधर दास मंदिर का विकास, गौ सेवा, साधु सेवा तनमयता से कर रहे
अयोध्या। संतो की सराय कही जाने वाली रामनगरी अयोध्या जहां अनेक भजनानंदी संत हुए है जिनके त्याग तपस्या के बलबूते न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे भारत में संत समाज की गरिमा वैभव को स्थापित किया है। ऐसा ही प्रसिद्ध मंदिर श्यामासदन है। जहां पर सच्ची साधना संतो की जगजाहिर है। श्यामासदन के प्रथम हुए महंत रामकिंकर महाराज, द्धितीय लाल जी महाराज व तृतीय महंत संत गोपाल दास महाराज जिनकी त्याग तपस्या साधना की चर्चा आज भी अयोध्या ही नही आसपास के कई जिलों के लोग करते है। इन पूज्य आचार्यों के यशगाथा आज भी अयोध्या के संत समाज व आमजन करते है। इनकी त्याग तपस्या साधना की केंद्र बिंदु श्यामासदन मंदिर अपने विकास के ओर अग्रसर है। महंत संत गोपाल दास महाराज की स्मृति में बुधवार को मंदिर में विशाल भंडारे का दिव्य आयोजन किया गया। जिसमें रामनगरी के विशिष्ट संतों का सम्मान किया गया।
श्यामासदन मंदिर की बागडोर आज युवा हाथों में है। महंत संतगोपाल दास जी महाराज के सुयोग्य शिष्य बालयोगी महंत श्रीधर दास आज श्यामासदन के पीठाधीश्वर है। अपने गुरु के बतायें मार्गों का अनुसरण करते हुए बालयोगी महंत श्रीधर दास मंदिर के विकास, गौ सेवा, साधु सेवा के तनमयता से लीन होकर करते है। श्यामा सदन मंदिर में भगवान की अष्टयाम सेवा लगातार हो रही है। साधु सेवा, गौ सेवा बहुत ही बड़े पैमाने पर होता है। श्यामासदन पीठाधीश्वर महंत बालयोगी श्रीधर दास महाराज ने बताया कि आज जो भी कुछ हूँ पूज्य गुरुदेव जी की कृपा है। गुरुदेव भगवान के स्मृति में भंडारा हुआ। जिसमें रामनगरी के विशिष्ट संत महंत मंदिर के शिष्य परिकर शामिल हुए। इस मौके पर मणिराम दास छावनी के महंत कमलनयन दास, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, महंत डा रामानन्द दास, महंत जनार्दन दास, महंत रामकरन दास,नागा रामलखन दास, संत आनंद दास सहित बड़ी संख्या में संत साधक मौजूद रहे।