गुरु वशिष्ठ ने श्रीरामलला सदन देवास्थानम में भगवान राम समेत तीनों भाईयों का किया था नामकरण संस्कार



श्रीरामलला सदन देवास्थानम मंदिर में भगवान श्रीराम माता सीता व तीनों भाइयों के मूर्ति की होगी प्राणप्रतिष्ठा
करीब 5 कुंटल चादी से भगवान का भव्य श्रृंगार व मंदिर के गर्भग्रह का किया गया है निर्माण
31 को निकलेगी भव्य कलश यात्रा, अम्बा जी मंदिर की ऐतिहासिक उत्सव विग्रह का श्रीरामलला सदन में होगा प्राण प्रतिष्ठा
1 जून को सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ उत्सव में होगें शामिल, करेंगे पूजन अर्चन
बमबम यादव। अयोध्या। रामनगरी अयोध्या द्रविड़ शैली से बन रहें ऐतिहासिक श्रीरामलला देवस्थानम मंदिर की तैयारी जोरों पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक जून को मंदिर के मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होगे। श्रीरामलला सदन देवास्थानम मंदिर में भगवान श्रीराम माता सीता व तीनों भाइयों के मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करेंगे। मुख्यमंत्री योगी मुख्य मंदिर के 403 वर्गफुट क्षेत्र के गर्भगृह की आधार शिला रखेंगे। राम मंदिर के साथ उत्तर और दक्षिण भारत की परंपरा अयोध्या नगरी में देखने को मिलेगी। जिसको लेकर अयोध्या में उत्तरी परंपराओं के बीच दक्षिण शैली का समावेश के लिए रामजन्मभूमि के कुछ ही फासले पर श्रीरामलला देवस्थानम मंदिर द्रविड़ शैली में निर्माण किया गया है। मान्यता है कि देवास्थानम प्राचीन और ऐतिहासिक है।
श्वेता युग में भगवान श्रीराम और उनके भाइयों के जन्म होने के बाद इसी स्थान पर उनका नामकरण संस्कार संपन्न किया गया था। इसलिए आज भी इस स्थान को देवस्थान के नाम से जाना जाता है। रामजन्मभूमि परिसर से कुछ फासले पर दक्षिण भारत के द्रविड़ शैली में श्रीरामलला देवस्थानम मंदिर बनाया गया है, जिसका उद्घाटन 1 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया जाएगा। वहीं, मंदिर में भगवान के प्राणप्रतिष्ठा के 31 मई से 4 जून तक धार्मिक आयोजन किया जाएगा।
श्रीरामलला देवस्थानम के अध्यक्ष जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ राघवाचार्य महाराज ने बताया कि
नवनिर्मित भव्य मंदिर लगभग एक एकड़ में विशाल मनमोहक श्रीरामलला देवस्थानम का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 31 मई से प्रारंभ होकर के पंचमी तिथि 4 मार्च तक विधिवत पूजन अर्चन के साथ होगा। रामानुजाचार्य जी ने बताया कि शास्त्रीयता के अनुरूप गर्भगृह, अर्द्ध मंडप, पूर्ण मंडप, गोपुरम, राज गोपुरम, गरुड़ स्तंभ एवं बलि पीठ के रूप में मुख्यतया सात प्रखंड होते हैं और श्री रामलला देवस्थानम इन सभी प्रखंडों से संयोजित है।
डॉ राघवाचार्य महाराज ने बताया कि 31 मई को प्रातः 7 बजे कलश यात्रा 1 जून को सुबह 7 बजे यज्ञ मंडप प्रवेश होगा 2 जून को 8 बजे विग्रह रक्षाबंधनम और शाम 5 बजे विग्रह जलाधिवास होगा। 4 जून को सुबह 5 बजे विश्वरूप दर्शन और प्रातः 7 से 8 बजे तक कर्क लग्न में प्राण प्रतिष्ठा राजभोग और प्रसाद वितरण होगा शाम 6 बजे श्री सीताराम विवाह महोत्सव के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा। कार्यक्रम के मुख्य यजमान गोविंद कुमार लोहिया रघुनाथ दास दमोदर दास हैदराबाद उत्सव के तैयारियों को अंतिम रुप देने में लगे हुए है। कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने के लिए आश्रम से जुड़े लोग दिन रात परिश्रम कर रहे है।