भगवान इन्द्रदेव भी न रोक पाये स्वामी रामहर्षण दास के समर्पित शिष्यों की आस्था को
भारी बारिश के बीच हजारों महिलाएं सिर पर कलश धारक कर निकली यात्रा में
अयोध्या।पंचरसाचार्य स्वामी रामहर्षण दास महाराज की ओर से संस्थापित मंत्रार्थ मंडपम् में शुरु हुए श्रीरामनाम षडाक्षर मंत्रराज जप अनुष्ठान के रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 51 कुण्डीय श्रीरामनाम महायज्ञ के दूसरे दिन यज्ञकुंड में अरणि मंथन द्वारा अग्नि देव का प्राकट्य हुआ और आहूतियां डाली जाने लगीं।
इसके पहले भारी बारिश के बीच हाथी-घोड़ा व बैंडबाजा के साथ कलशयात्रा निकाली गयी। रामहर्षण कुंज के महंत अयोध्या दास ने बताया कि 11 अक्तूबर से प्रसिद्ध कथावाचक पं. श्यामसुंदर पाराशर श्रीमद्भागवत कथा सुनाएंगे। कार्यक्रम की व्यवस्था में संत राघवदास जी लगे रहें।