सर्वधर्म समभाव समिति के अध्यक्ष मोहम्मद इरफान अंसारी के नेतृत्व में बारह रबी-उल-अव्वल जुलूस का होगा जगह-जगह स्वागत, होगी पुष्प वर्षा
समाजसेवी मोहम्मद इमरान व सुल्तान अंसारी ने कहा धूमधाम से मनाया जाता है ईद मिलाद-उन-नबी का पर्व
अयोध्या। बारह रबी-उल-अव्वल यानी पैगम्बर मोहम्मद की इस दुनिया में आमद का दिन इस वर्ष 9 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में मुसलमान बड़े पैमाने पर जलसे, मिलाद व जुलूस निकालते है। रामनगरी अयोध्या में दो दिन जुलूस निकलती है। कल यानी 8 अक्टूबर शनिवार को रामनगरी में धूमधाम से जुलूस निकलेगी तो वही अयोध्या जिले मतलब पुराने फैजाबाद में ये जुलूस रविवार 9 अक्टूबर को निकला जायेगा।
भारत के सभी मुसलमान काफी जोर-शोर और पूरे एहतराम के साथ यह त्योहार मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार तीसरे महीने मिलाद उन-नबी की शुरुआत हो जाती है, इसके 12वें दिन यह त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को ईद-ए-मिलाद या बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें 12 रबी-उल-अव्वल की तारीख में होने वाला यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए काफी ज्यादा महत्व रखने वाला है।
रामनगरी अयोध्या में गंगा जमुनी तहजीब के पैरोकार समाजसेवी मोहम्मद इरफान अंसारी नन्हे मिंया इस जुलूस के स्वागत में पुष्प वर्षा कराते है। नन्हे मिंया ने बताया कि ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार दुनिया भर में विशेष रूप से मनाया जाता है। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में इस दिन उनके सम्मान में जुलूस निकाला जाता है और जगह-जगह बड़े आयोजन भी किए जाते हैं।इस दिन शाम से ही जश्न की शुरुआत हो जाती है, मस्जिद और दरगाह के साथ साथ लोग अपने घरों में इसको पूरे अकीदत के साथ मनाते हैं। इस्लाम को मानने वाले लोग इस दिन लंगर करते हैं साथ ही जरूरत मंदों को गिफ्ट्स देते हैं इसके अलावा उनके लिए खाने पीने का पूरा इंतजाम करते हैं।
मोहम्मद इमरान अंसारी कहते है कि यह त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रात भर अल्लाह की इबादत की जाती है। इस दिन घरों और मस्जिदों में कुरान पढ़ा जाता है। इस मौके पर घर और मस्जिद को सजाया जाता है और मोहम्मद साहब के संदेशों को पढ़ा जाता है। हजरत मोहम्मद साहब का एक ही संदेश था कि मानवता को मानने वाला ही महान होता है। इसलिए हमेशा मानवता की राह पर चलना चाहिए। ऐसे में लोग इस दिन गरीबों में दान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ईद मिलाद उन-नबी के दिन दान और जकात करने से अल्लाह खुश होते हैं। समाजसेवा फिल्म प्रड्यूसर सुल्तान अंसारी कहते है कि पैगंबर मोहम्मद साहब इस्लाम धर्म के संस्थापक हैं। दुनिया भर के मुसलमान इस दिन को काफी उरूज के साथ मनाते हैं साथ ही इस दिन उनके पैगाम को दीनी महफिलों में बताया जाता है और उस पर अमल करने को कहा जाता है। इस दिन मुस्लिम समाज के लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और कुरआन की तिलावत करते हैं। इस दिन औरतें घर पर ही नमाज अता करती हैं। ऐसे में इस त्योहार पर इस्लाम को मानने वाले लोग अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में बिताते हैं और अल्लाह से दुआ और पैगंबर मोहम्मद साहब को सलाम भेजते हैं।