ब्रह्मचारी जी ज्ञान, भक्ति व विनम्रता की साक्षात मूर्ति

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October 7, 2022

रामलला सदन पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी डा राघवाचार्य के संयाेजन में हुई शाेक सभा,संतो ने पुष्पांजलि अर्पित की

अयाेध्या। विभीषणकुंड स्थित उत्तर ताेताद्रिमठ के सभागार में गुरूवार सायंकाल रामलला सदन पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी डा राघवाचार्य के संयाेजन में  शाेक सभा आयाेजित हुई। शाेक सभा में संत-महंत व धर्माचार्यों ने प्रकांड विद्वान विंध्येश्वरी प्रसाद शुक्ल ब्रह्मचारी काे भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सभा की अध्यक्षता करते हुए ताेताद्रिमठ पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू स्वामी अनंताचार्य महाराज ने कहा कि वह ज्ञान, भक्ति व विनम्रता की साक्षात मूर्ति थे। सम्पूर्ण भारतवर्ष में इनके समान वेद, वेदांगाें, गणित, संस्कृत व अन्यान्य विषयों का काेई ज्ञाता नही था। यह महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। इन्हाेंने गाै रक्षा आंदोलन में भी महती भूमिका निभाई थी। रामलला सदन पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य महाराज ने कहा कि आचार्य विंध्येश्वरी प्रसाद शुक्ल का जन्म बस्ती जनपद में पकरी भीखी गांव के गर्ग गाेत्र के कुलीन परिवार में हुआ था। वह बाल्यकाल से ही अप्रतिम विशिष्टता से सम्पन्न थे। आगे चलकर ब्रह्मचारी गुरूजी के नाम से प्रसिद्ध हाे गए। इनके पिता कुबेरनाथ शुक्ल महान देशभक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा संस्कृत के प्रकांड विद्वान रहे। गुरूजी काे अपने पूर्व जन्माें का स्मरण रहा। इस जन्म के पूर्व जन्म में वह अपने ही कुल में प्रपितामह थे। उन्हें स्वयं भगवान ने दर्शन देकर कहा कि मेरा विग्रह यहां निकट है। उसे लाकर पूजन कराे। भगवान का विग्रह आज भी जन्मस्थान में विराजमान है। स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि अयाेध्यावास करते हुए गुरूजी का साकेतवास अश्विन शुक्ल षष्ठी तिथि 1 अक्टूबर हाे गया। हम उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शाेकसभा में मलूकपीठाधीश्वर डॉ. राजेंद्रदेवाचार्य, जगद्गुरू स्वामी रामदिनेशाचार्य, कथामंडप महंत रामानंद दास, रंगमहल  महंत रामशरण दास, द्वारकाधीश मंदिर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी सूर्यनारायणाचार्य, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, बड़ाभक्तमाल महंत अवधेश दास, जगद्गुरू स्वामी रामदिनेशाचार्य, गाेपालमंडपम के स्वामी कूरेशाचार्य, वैकुंठ मंडप जगद्गुरू स्वामी श्यामनारायणाचार्य, मंगलभवन पीठाधीश्वर महंत रामभूषण दास कृपालु, तुलसीदास छावनी महंत जनार्दन दास, रंगवाटिका महंत हरसिद्धि शरण, अयाेध्यानाथ मंदिर महंत भरत प्रपन्नाचार्य, शत्रुध्न निवास महंत पवनकुमार शास्त्री, रामायणी रामकृष्ण दास, स्वामी बालकृष्णाचार्य, श्रीनिवासाचार्य, स्वामी माधवाचार्य, महंत उद्धव शरण, पूर्व विभागाध्यक्ष कृष्ण कुमार पांडेय, पूर्व प्राचार्य राष्ट्रीय इंटर कालेज संतकबीरनगर शिवपूजन, कथाव्यास विनाेद मिश्र, रघुनाथ शास्त्री, दिव्यांशु वेदांती हरिद्वार, आचार्य शिवप्रसाद द्विवेदी, ओमप्रकाश दास ने भी अपनी वाक् पुष्पांजलि अर्पित किया।

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