भरत जैसा चरित्र व आचरण हमें जीवन में उतारना चाहिए : रामदिनेशाचार्य

DNA Live

May 12, 2022

राम महल वैदेही भवन में राज्याभिषेक के साथ श्री रामकथा का हुआ भव्य समापन, भंडारा आज

अयोध्या। रामनगरी के राम महल वैदेही भवन में श्री रामकथा की अमृत वर्षा में संत साधक गोता लगा रहे है। व्यासपीठ से रामकथा की रसधार जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य के श्री मुख से बह रही है। आज रामकथा के समापन सत्र में भरत चरित्र व राम राज्याभिषेक की कथा सुनाते हुए जगद्गुरू जी ने बताया कि भरत ने बड़े भाई भगवान श्रीराम की चरणपादुका को चौदह वर्षों तक उनकी पूजा अर्चना उनका दास बनकर अयोध्या की प्रजा की सेवा की। कथाव्यास ने बताया कि यदि हमारे समाज के लोग श्रीराम चरित मानस का अनुकरण करते हुए जीवन निर्वाह करने की कला सीख ले तो समाज की सभी प्रकार की समस्याओं का निस्तारण अपने आप हो जाएगा। कथा व्यास ने कहा कि भगवान की कथा हमारे समाज को अनुशासन और प्रेम तथा सद्भाव का संदेश देती है। जिन घरों में भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण सहित हमारे देवी देवताओं एवं महापुरुषों की कथाओं का गुणगान होता है उन परिवारों में हमेशा सुख शांति बरसती है। राम लक्ष्मण भरत शत्रु जैसे भाई से हमे सभी गुण सीखना चाहिए और जिस तरह भरत ने अपने चरित्र आचरण और सादगी के साथ राज्य चलाया और प्रजा को सब कुछ दिया उससे हमे सीख लेने की जरूरत है। कथा से पूर्व व्यासपीठ का पूजन यजमान नरेश कुमार गर्ग व उनकी धर्मपत्नी कुसुमलता गर्ग ने किया। महोत्सव का संचालन आचार्य रमेश दास शास्त्री व व्यवस्थापक में गौरव दास शास्त्री शिवेंद्र दास शास्त्री रहे। इस मौके पर जय प्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश राठौर, सत्य प्रकाश ताम्रकार, उदित नारायण तिवारी, नानक चंद शर्मा, मुकेश शर्मा, आनंद प्रकाश शर्मा  महंत रामजीशरण सहित सैकड़ों संत महंत एवं राम कथा के रसिक गण उपस्थित रहे।

Leave a Comment