23वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा के साथ हुआ वृहद भंडारा
अयाेध्या। प्रसिद्ध पीठ परमहंस आश्रम, वासुदेवघाट में शनिवार को साकेतवासी महंत दयारामदास महाराज की 23वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें अयाेध्याधाम के विशिष्ट संत-महंत व धर्माचार्यों ने पूर्वाचार्य महंत काे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। संताें ने पूर्वाचार्य के कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। परमहंस आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत रामानंद दास महाराज ने कहा कि उनके गुरूदेव अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत रहे। वह भजन-साधना में तल्लीन रहा करते थे। भगवान सीताराम के प्रति उनकी अटूट भक्ति रही है। उनके जैसा उदार व्यक्तित्व का संत मिलना। आज के समय में बहुत ही मुश्किल है। सरलता ताे उनमें देखते हुए झलकती थी। अयाेध्यानगरी में एक आश्रम की स्थापना कर उसका सर्वांगीण विकास किया। वह मंदिर के उत्तराेत्तर विकास में आजीवन लगे रहे। गुरूदेव हम सबके बीच में नही हैं। लेकिन उनकी यश और कीर्ति सदैव रहेगी। उनका अनुसरण कर मैं आगे बढ़ रहा हूं। आश्रम में गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक सेवा सुचारू रूप से चल रही है। पुण्यतिथि पर काफी संख्या में संताें और भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। मठ के व्यवस्थापक रामउजागर दास महाराज द्वारा संताें का स्वागत-सत्कार किया गया। इस अवसर पर मणिरामदास छावनी उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, बावन मंदिर महंत वैदेहीवल्लभ शरण, जगतगुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, मंगलभवन सुंदर सदन पीठाधीश्वर कृपालु रामभूषण दास, बधाई भवन महंत राजीव लाेचन शरण, महंत हरिभजन दास, महंत सीताराम दास, महंत रामकुमार दास, महंत अर्जुन दास, महंत शशिकांत दास, महंत मनीष दास, स्वामी छविराम दास, पार्षद पुजारी रमेश दास, पार्षद महेंद्र शुक्ला, संतदास, सूरज दास आदि माैजूद रहे।