सिद्व पीठ श्री हनुमान बाग में सीताराम विवाहोत्सव पर्व शुरू
अयोध्या। उपवीत व्याह उछाह मंगल सुनि जे सादर गवाही, वैदेहि राम प्रसाद ते जन सर्वदा सुख पावहीं, कुअँरि कुअँरि कल भावँरि देही, नयन लाभु सब सादर लेही, जाइ न वरनि मनोहर जोरी, जो उपमा कछु कहीं सो थोरी, बरनत छवि जहँ-तहँ सब लोगू, अवसि देखिये देखन जोगू, सिय रघुवीर विवाह, जे सप्रेम गावहिं सुनहिं, तिन्ह कहुँ सदा उछाहु, मंगलायतन राम जसु, मंगल मूल लगन दिनु आवा, हिम रितु अगहनु मासु सुहावा, ग्रह तिथि नखतु जोग बर बारू, लगन सोधि बिधि कीन्ह विचारू, दुलहा श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुंदर मंदिर माहीं।….. आदि जैसे मंगल गीतों से श्री राम सीता विवाह महोत्सव पर राम नगरी अयोध्या गुंजायमान रही। अगहन पंचमी को अयोध्या के विभिन्न लगभग 10 स्थानों से राम बारात धूमधाम से हाथी घोड़े बैण्ड बाजों के बीच गाजे बाजे के साथ निकलेगी। रामनगरी के प्रसिद्व पीठों में शुमार श्री हनुमान बाग में इस बार बड़े ही हाव भाव के साथ श्री सीताराम विवाहोत्सव मनाया जायेगा। इस बार ऐतिहासिक श्री राम बारात मंदिर से निकलेगी। मंदिर के श्री मंहत जगदीश दास जी महराज ने बताया कि विवाहोत्सव का पर्व आज से रामार्चा पूजन के साथ शुरू हुआ है वही देर शाम रामलीला का मंचन भी किया जायेगा। मंहत जगदीश दास जी ने बताया कि 8 दिसंबर को देर शाम हाथी,घोड़े व ऊंट के साथ बैण्ड बाजों के बीच रथों पर भगवान श्रीराम समेत चारो भाईयों के साथ राजादशरथ के स्वरूप के साथ भव्य बारात निकलेगी जिसके बाद 9 दिसम्बर को कुंवर कलेवा व 56 भोग के साथ के विवाहोत्सव का समापान होगा। श्री हनुमान बाग में श्री राम सीता विवाह महोत्सव मनाने का तरीका सबसे निराला है। पूरे विधि विधान से रस्मों रिवाज के अनुरूप यहां पर विवाह महोत्सव पर्व मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में शमिल होने के लिए पूरे भारत से मंदिर के शिष्य परिकर सहित कई वीवी आई भी आ रहे है। कार्यक्रम की देखरेख मंदिर के सुनील दास जी, रोहित शास्त्री सहित पूरा हनुमान बाग परिवार कर रहा है।