10 दिन चले महोत्सव ने दक्षिण परम्परा की छोड़ी अमिट छाप, लगातार भंडारे, यज्ञ हवन, नवाह्न पारायण की प्रशंसा चहुओर

राम देश की एकता के प्रतीक हैं: गोपालकृष्णमाचार्य
अयोध्या। श्री हनुमान बाग अयोध्या में चल रहे चतुर्विशाति कुण्डात्मक महा साम्राज्य पटृभिषेक नवाह्रिक महायज्ञ व श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण कथा के समापन दिवस पर गोपालकृष्णमाचार्य जी महाराज ने कहा कि राम तो प्रत्येक प्राणी में रमा हुआ है, राम चेतना और सजीवता का प्रमाण है। भारतीय समाज में मर्यादा, आदर्श, विनय, विवेक, लोकतांत्रिक मूल्यों और संयम का नाम राम है। असीम ताकत अहंकार को जन्म देती है। लेकिन अपार शक्ति के बावजूद राम संयमित हैं। वे सामाजिक हैं, लोकतांत्रिक है। वे मानवीय करुणा जानते हैं। वे मानते हैं- ‘पर हित सरिस धरम नहीं भाई राम देश की एकता के प्रतीक हैं। गोपालकृष्णमाचार्य जी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम समसामयिक है।भारतीय जनमानस के रोम-रोम में बसे श्रीराम की महिमा अपरंपार है। जीवन की धन्यता भौतिक पदार्थों के संग्रहण में नहीं अपितु सुविचारों एवं सद्गुणों के संचयन में निहित है। जिसके पास जितने श्रेष्ठ एवं पारमार्थिक विचार हैं वह उतना ही सम्पन्न प्राणी है। आज समाज में अशांति कोई पशु या जानवर नहीं फैला रहा, बल्कि अपने स्वरूप से अनभिज्ञ भौतिक पदार्थ की दौड़ में लगा मनुष्य ही फैला रहा है। दूसरों को शांत करने से पहले खुद शांत होना होगा। शांति व आनंद का स्रोत केवल ईश्वर है जो भक्ति द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। महोत्सव के समापन सत्र में कार्यक्रम की आयोजक लक्ष्मी जी सभी का आभार व्यक्त किया। कथा से पूर्व यजमान लक्ष्मी न्यायापति ने व्यासपीठ का पूजन किया। यह आयोजन श्री वेंकाटाचार्य वैदिक संस्थान के तत्वावधान में हो रहा है। कार्यक्रम हनुमान बाग सेवा संस्थान के सानिध्य में सम्पादित रहा। इस महाउत्सव को हनुमान बाग के महंत जगदीश दास महाराज का सानिध्य प्राप्त रहा। इस मौके पर मंदिर के व्यवस्थापक सुनील दास, रोहित शास्त्री सहित दक्षिण से हजारों भक्त इस महाउत्सव में शामिल हुए