रामकथा भगवान के लीला, चरित्र, गुणों की गाथा है: रामानन्दाचार्य

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May 8, 2022

राम महल वैदेही भवन में श्री रामकथा महोत्सव का उल्लास चरम पर

अयोध्या। रामनगरी के राम महल वैदेही भवन में श्री रामकथा महोत्सव का उल्लास अपने चरम पर है। व्यासपीठ से श्री रामकथा की अमृत वर्षा जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य जी के श्री मुख से हो रहा है। कथा के द्धितीय दिवस में रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि राम कथा तन-मन को पवित्र कर उज्ज्वल करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है। श्री रामकथा का महत्व हमेशा से है और आगे भी रहेगा। यह भगवान के लीला चरित्र गुणों की गाथा है। इसके श्रवण और कथन के प्रति हमेशा एक नवीनता का भाव बना रहता है। पूज्य महाराज जी ने कहा कि किसी आम व्यक्ति के जीवन चरित्र को एक दो या चार बार सुनने के बाद उसके प्रति उबन पैदा हो जाता है  लेकिन यह भगवान की कथा है सत्य की कथा है इस नाते हमेशा कुछ न कुछ नया लगता है। इसे बार-बार कहने एवं सुनने की इच्छा हमेशा बनी रहती है। भगवान राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघन के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। हमेशा भगवान की कथा सुननी चाहिए हर घर में रामचरित मानस हो तथा नित्यदिन इसको पढ़े व लोगों को श्रवण कराएं। रामदिनेशाचार्य जी ने कहा कि हनुमान जी को रामनाम प्रिय है जहां भी रामकथा होती है वहां वे कथा सुनने आते हैं। हनुमान जी के हृदय में श्रीराम का निवास है। भगवान कभी जन्म नही लेते है हमेशा अवतार होता है। व्यासपीठ का पूजन यजमान जय प्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश राठौर, सत्य प्रकाश ताम्रकार, उदित नारायण तिवारी, नानक चंद शर्मा, मुकेश शर्मा, आनंद प्रकाश शर्मा ने किया। महोत्सव का संचालन आचार्य रमेश दास शास्त्री व व्यवस्थापक में गौरव दास शास्त्री व शिवेंद्र दास शास्त्री रहे। इस मौके पर महंत रामजीशरण सहित सैकड़ों संत महंत एवं राम कथा के रसिक गण उपस्थित रहे।

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