संत-महंत व धर्माचार्यों ने रामानंदीय परंपरानुसार मनीष दास काे कंठी, चद्दर, तिलक देकर दी महंती


अयाेध्या। अयाेध्याधाम के ठाकुर रामजानकी नाई मंदिर, दुराही कुआं का नया महंत व सर्वराहकार मनीष दास काे बनाया गया। मंदिर प्रांगण में महंताई समाराेह का आयाेजन हुआ, जिसमें विशिष्ट संत-महंत व धर्माचार्यों ने रामानंदीय परंपरानुसार मनीष दास काे कंठी, चद्दर, तिलक देकर महंती की मान्यता प्रदान किया। मंदिर के महंत गुरूचरन दास महाराज ने कहा कि उन्हें मंदिर की देखरेख और व्यवस्था चलाने के लिए याेग्य महंत की आवश्यकता थी। मठ के नये महंत पद पर उन्होंने अपने शिष्य मनीष दास की ताजपाेशी किया है। अब वही ठाकुरजी की सेवा एवं आश्रम की व्यवस्था संभालेंगी। मनीष दास ही मंदिर के महंत और सर्वराहकार हाेंगे। मैंने अपना सारा कार्यभार इन्हें साैंप दिया है। नवनियुक्त महंत मनीष दास ने कहा कि उन्हें महंत पद की बागडाेर साैंपी गई है। उस पर वह खरा उतरेंगे। आश्रम का सर्वांगीण विकास कर उसे नित्य नई ऊंचाइयाें पर पहुंचायेंगे। महंत पद की गरिमा हमेशा अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। उस पद पर कभी आंच नही आने देंगे। सदैव पद की प्रतिष्ठा व गरिमा बनाकर चलेंगे। अंत में महंत गुरूचरन दास महाराज ने आए हुए संत-महंताें का स्वागत-सम्मान किया। महंताई समाराेह में निर्वाणी अनी के श्रीमहंत मुरली दास, पूर्व प्रधानमंत्री महंत बाबा माधव दास, संकटमाेचन राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास,हनुमानगढ़ी के सरपंच रामकुमार दास, हनुमत संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. महेश दास, महंत सत्यदेव दास, महंत अर्जुन दास, संकट मोचन सेना के कार्य वाहक अध्यक्ष वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास, पार्षद पुजारी रमेश दास, दिग्पाल दास, अभिषेक दास, विराट दास प्रेममूर्ति कृष्णकांत दास, अवधराम शुक्ला, कल्लू दास आदि संत-महंत माैजूद रहे।