राम हर्षण कुंज के श्रीराम मंत्रार्थ मंडपम मिथिला पद्धति से विवाह की रस्में निभाईं गई
संत साधक विभिन्न झांकियों के माध्यम से प्रदर्शित करते अपनी आस्था, बैंड-बाजे, हाथी-घोड़े, ढोल-नगाड़े के साथ निकली भव्य बारात
अयोध्या। रामनगरी में चल रहे श्रीराम विवाहोत्सव के दौरान बुधवार को हनुमान बाग, विअहुति भवन, जानकी महल ट्रस्ट, कनक भवन, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ जी के राजमहल बड़ा स्थान दिव्यकला कुंज-रूपकला कुंज, रंगमहल, रामहर्षण कुंज सहित दर्जनों मंदिरों से गाजे-बाजे व हाथी-घोड़ों के साथ निकाली गई। बारात मे आतिशबाजी भी की गई।श्रद्धालुओं ने बारात का जगह-जगह पुष्प वर्षा व आरती उतारकर स्वागत किया। रामनगरी में इस दौरान जय श्री राम व हर-हर महादेव के नारे गूंजते रहे। श्रद्धालु व भक्त बाराती के रूप में बारात में शामिल हुए और सभी मंदिरों में बारात वापसी के बाद माता सीता और प्रभु श्रीराम का विवाह देर रात तक मनाया जाएगा। सबसे पहले राम हर्षण कुंज के श्रीराम मंत्रार्थ मंडपम से अद्भुत दिव्य राम बारात निकली। इस बारात में दर्जनों रथ सजधज कर निकलें जिसपर भगवान का विग्रह, भगवान रामलला अपने अनुजों समेत राजा दशरथ, गुरु वशिष्ठ व राजा के मंत्रीगण सवार रहें।तो वही घोड़ों पर भगवान के स्वरूप सवार होकर निकलें। इस बारात में मुख्य विशेषता ये रही कि विभिन्न झांकियों के माध्यम से संत साधक अपनी आस्था अपने आराध्य के श्री चरणों में समर्पित करते दिखे। यह पूरा महोत्सव महंत अयोध्या दास जी महाराज के पावन सानिध्य व समाजसेवी संत बाबा राघवदास महाराज की देखरेख में हो रहा था।
