सीएम योगी के योजना के विरोध में संतों हुई बैठक,संतों का आरोप मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे अधिकारी

पीएम मोदी व सीएम योगी को पत्र भेज कर देंगे जानकारी
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या के मुख्य प्रवेश मार्ग नया घाट चौराहे को लता मंगेशकर के नाम से बनाए जाने की योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद कार्य शुरू होते ही अयोध्या कि साधु-संतों योजना का विरोध कर रहे हैं। संतों की माने तो अयोध्या सनातन नगरी है। इसलिए नया घाट चौराहे को जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम से बनाया जाए। वहीं सन्तो ने इस योजना का विरोध करते हुए बोर्ड न लगाने व उद्घाटन नही होने देने की भी चेतावनी दे दी है।
अयोध्या भव्य मंदिर निर्माण चल रहा है और केंद्र व राज्य सरकार के करोड़ों की योजनाओं से अयोध्या सजाई व सवारी जा रही है इसी क्रम में भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के नाम से नया घाट चौराहे का नामकरण कर 40 फीट ऊंची वीणा लगाने का कार्य विकास प्राधिकरण कर रहा है।जिसका दीपोत्सव में उद्घाटन भी होना है। इसी के विरोध में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के मंदिर मणिराम दास छावनी में संतों की बैठक हुई जिसमें एक स्वर से अयोध्या के सभी संतो महंतों लता मंगेशकर चौराहे का विरोध किया और जगद्गुरु रामानंदाचार्य भगवान के नाम से चौराहे का नामकरण कर मूर्ति लगाई जाए और राम जन्मभूमि तक जाने वाले मार्ग को उन्हीं के नाम से किया जाए ऐसा प्रस्ताव रखा और कहा की लिखित रूप में यूपी के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को प्रार्थना पत्र भी सौंपेंगे और 2 दिन के अंदर योगी आदित्यनाथ से मिलकर चौराहे का नाम जगद्गुरु रामानंदाचार्य भगवान के नाम पर करने का प्रस्ताव देंगे।
मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि अयोध्या का प्रवेश द्वार नया घाट है और जो भी व्यक्ति अयोध्या आता है वहां निश्चित जाता इसलिए उसका नाम जगतगुरु रामानंदाचार्य भगवान के नाम पर ही रखा जाये दूसरा नाम स्वीकार नहीं। श्री राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास महाराज ने कहा कि अगर सरकार ना बनवाना चाहे तो संत अपने पैसे से चौराहे का निर्माण करेंगे और जगतगुरु रामानंदाचार्य भगवान के नाम से सत्संग भवन भी बनाएंगे। डॉ रामानंद दास महाराज ने कहा कि जगद्गुरु रामानंदाचार्य भगवान स्वयं राम जी के अवतार थे और अयोध्या रामानंदी संतो की है इसलिए अयोध्या और किसी को स्वीकार नहीं करेगी। तेरा
भाई त्यागी खाक चौक के श्री महंत बृजमोहन दास महाराज ने कहा कि रामानंद भगवान की मूर्ति संतो के आदेशानुसार मैं बनवाकर दूंगा।
नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री को संतो की बात को सुनना होगा और रामानंद भगवान के नाम से चौराहे का उद्घाटन होगा। मंगल पीठाधीश्वर कृपालु राम भूषण दास महाराज ने कहा कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर की मूर्ति अयोध्या में कहीं भी लगाई जा सकती है लेकिन सरयू तट के मुहाने पर भगवान रामानंद भगवान की मूर्ति और चौराहा ही स्वीकार है। राम महल वैदेही भवन के महंत रामजीशरण ने कहा कि नयाघाट अयोध्या जी का मुख्य मार्ग है। मां सरयू जाने वाले इसी रास्ते से जाते है और कोई भक्त जब अयोध्या आता है तो इसी रास्ते से आता है। जगद्गुरू रामानन्दाचार्य भगवान का प्रतिमा वचौराहे पर लगना चाहिए और उनके नाम से चौराहे को सजाना चाहिए।सरकार को इस बात की गम्भीरता समझनी होगी। अधिकारी योगी जी को गुमराह कर रहे है।करतलिया बाबा आश्रम के महंत बाल योगी रामदास ने कहा कि सरकार को अपने प्रस्ताव को बदलकर संतो की बात मानते हुए नया घाट चौराहे का नामकरण रामानंद भगवान के नाम से कर देना चाहिए। इस अवसर पर महंत बलराम दास हनुमानगढ़ी, महामंडलेश्वर गिरीश दास महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज अधिकारी छविराम दास महंत कमला दास रामायणी महंत अंजनी शरण महंत राम जी शरण सहित अन्य लोग मौजूद रहे।