अयाेध्याधाम के विशिष्ट संत-महंत व धर्माचार्यों ने साधुशाही परंपरानुसार उन्हें कंठी, चद्दर, तिलक देकर महंती की मान्यता दी

अयाेध्या। रामनगरी के वासुदेवघाट माेहल्ले में स्थित श्रीगुरू रामानंद वैष्णव भजनानंद आश्रम का नया महंत विष्णु दास महाराज काे बनाया गया। रविवार को मंदिर परिसर में एक महंताई समाराेह का आयाेजन हुआ। समाराेह में अयाेध्याधाम के विशिष्ट संत-महंत व धर्माचार्यों ने साधुशाही परंपरानुसार उन्हें कंठी, चद्दर, तिलक देकर महंती की मान्यता प्रदान किया। साथ ही साथ महज्जरनामा पर हस्ताक्षर भी किया। बता दें कि आश्रम के महंत रहे रामसनेही दास तपसी महाराज का कुछ दिन पहले साकेतवास हाे गया था। तब से मठ की गद्दी खाली चल रही थी। जिस पर संताें ने विष्णु दास महाराज काे आसीन किया। अपने ताजपाेशी से नवनियुक्त महंत अभिभूत दिखे। रविवार को साकेतवासी महंत रामसनेही दास महाराज का त्रयाेदश भंडारा भी रहा। जिस पर काफी संख्या में संत-महंत एवं भक्तगणों ने प्रसाद पाया। इस अवसर पर नये महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि उन्हें जिस पद की बागडाेर साैंपी गई है। उस पद की गरिमा वह हमेशा अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। उनके द्वारा ऐसा काेई कार्य नही किया जायेगा, जिससे महंत पद की छवि धूमिल हाे। सदैव पद की गरिमा बनाकर चलेंगे। साथ ही साथ आश्रम का सर्वांगीण विकास करेंगे। मठ में गाै, संत, विद्यार्थी एवं अतिथि सेवा पर विशेष ध्यान देंगे। मंदिर काे नित्य नई ऊंचाइयों पर पहुंचायेंगे।अंत में नवनियुक्त महंत ने आए हुए संत-महंतों का स्वागत-सम्मान किया।अखिल भारतीय श्री पंच तेरा भाई त्यागी खाक चौक अयोध्या व संकट मोचन हनुमान किला के महंत परशुराम दास महाराज ने बताया कि विष्णु दास को सनातन परंपरा के अनुसार श्री गुरु रामानंद वैष्णो भजनान्द आश्रम का अयोध्या के संतो महंतों ने कंठी चद्दर तिलक देकर महंत नियुक्त किया। जिससे कि वह मंदिर की सेवा निरंतर संचालित करते रहे। समाराेह में संकटमोचन हनुमानकिला मंदिर के श्रीमहंत परशुराम दास, बड़ाभक्तमाल महंत स्वामी अवधेश कुमार दास, डाड़िया मंदिर महंत गिरीश दास, तुलसीदास छावनी महंत जनार्दन दास, वैदेही भवन महंत रामजी शरण, राधाकुंज मंदिर के महंत सनत कुमार दास, परमहंस आश्रम के राम उजागर दास, पंजाबी मंदिर के महंत राम सुंदर दास, महंत राम जी शरण, राम हर्षण कुंज के संत राघव दास, नागा राम लखन दास, महात्यागी लक्ष्मीदास कोटा राजस्थान, महंत राम बालक दास राजस्थान, महंत जगदीश दास बापू गुजरात भावनगर, सुंदर दास बापू गुजरात सहित सैकड़ों संत महंत एवं भक्तगण ने महाराज जी को कंठी चद्दर दे करके मंदिर की बागडोर सौंपी।