श्रीमदभागवत कथा श्रीकृष्ण का वांगमय है: पं दीनानाथ

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July 25, 2022

हनुमान बाग मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ महंत जगदीश दास महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या के वासुदेव घाट स्थित प्रमुख मंदिर श्री हनुमान बाग में सावन मास के पवित्र अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ दीप प्रज्वलित के साथ हुआ,कथा का शुभारंभ महंत जगदीश दास महाराज ने किया।व्यासपीठ से कथा की अमृत वर्षा  पंडित दीनानाथ पाण्डेय कर रहे। व्यासपीठ से कथा का महात्म्य बताते हुए कहते है कि भागवत कथा जीते जी ही नही मरने वालों को भी तार देती है।दीनानाथ जी ने कहा कि इन सबसे अधिक श्रीकृण की आराधना प्रभावशाली है, तभी तो गीता में श्रीकृष्ण ने खुद कहा है कि ”सर्व धमार्न परित्यज्य माम एकम शरणम व्रज” अथार्त सभी परंपराओं और युक्तियों को छोड़कर जो व्यक्ति केवल श्रीकृष्ण की आराधना करता है उसके लिए बाधाएं अवसर में और कांटे फूल में बदल जाते हैं। भगवताचार्य दीनानाथ जी ने बताया कि श्रीमदभागवत श्रीकृष्ण का वांगमय है। यही नही श्रीमदभागवत श्रीकृष्ण के मुख से निकली वाणी है और जब संकट में भगवत वाणी का श्रवण होता है तो संकट स्वत: टल जाता है। राजा परिक्षित से जब ऋषि शमीक का अपमान हो गया और ऋगी ऋषि के कारण सात दिन में सर्पदंश से मृत्यु का श्राप मिला तो सभी ऋषि मुनियो एवं महापुरूषों ने श्राप से मुक्ति के जो उपाय बताए वे प्रभावहीन रहे और जब शुकदेव महराज ने उन्हें भागवत का परायण कराया तो कथा का विश्राम होते होते परीक्षित का भय दूर हुआ और उन्हें सदगति प्राप्त हुई।
कथाव्यास दीनानाथ पाण्डेय का चंडीगढ़ के पंचकुला व वृंदावन धाम में मंदिर है। जहां पर हजारों वेदपाठी विद्या अध्ययन कर रहे हैं। महोत्सव की अध्यक्षता हनुमान बाग के महंत जगदीश दास महाराज कर रहें। व्यवस्था में सुनील दास, रोहित शास्त्री सहित पूरा हनुमान बाग परिवार है । कार्यक्रम की आयोजक श्रीमती आशा गोयल व कृष्णा गोयल है। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का समापन 30 जुलाई को होगा। ये कथा दो सत्र में होगी। कथा का प्रथम सत्र सुबह 11 बजे से 1 बजे तक व शाम को 6 से 8 बजे तक होगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पंजाब  हरियाणा समेत पूरे भारत से हजारों शिष्य परिकर आये है।

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