श्रीमद्भागवत कथा मृत्यु को महोत्सव बनाने की कथा है: राधेश्याम शास्त्री

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November 26, 2022

अयोध्या। श्रीमद्भागवत की कथा शरणागति की कथा है शरणागति का अर्थ है भगवान के चरणों में समर्पित हो जाना और भगवान के चरणों में समर्पित होने के लिए सबसे बड़ी बात है अपने आप का परित्याग कर देना।उक्त बातें प्रख्यात कथावाचक राधेश्याम शास्त्री जी ने कौशलपुरी कालोनी फेज 1 पानी टंकी के निकट आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस कही।राधेश्याम शास्त्री ने कहा कि जब आप अपने अहम का परित्याग करके भगवान के शरण आप होते हैं तब एक समर्थ गुरु सुखदेव जी महाराज जैसा प्रगट हो करके आपके जीवन के उन तमाम झंझावात को खत्म करके आपके जीवन में भक्ति की ज्योति जला देता है। स्वामीजी ने कहा कि गुरु की शरणागति जीवन में मृत्यु के बंधन को काटकर मोक्ष की ओर आपके मार्ग को प्रशस्त करती है। श्रीमद्भागवत की कथा मृत्यु को महोत्सव बनाने की कथा है।

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