श्रीमद् भागवत कथा मानव जीवन में हृदय के संशयों को करती है दूर : राधामोहन शरण

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November 26, 2022

राधा सर्वेश्वर भगवान की भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का हुआ शुभारंभ

अष्टोत्तरशत श्रीमद् भागवत कथा के पूर्व मंदिर से निकली शोभायात्रा, हुआ पूजन अर्चन

अयोध्या। राम नगरी अयोध्या के जानकी घाट स्थित नवनिर्मित भव्य श्री राधा मोहन कुंज सर्वेश्वर गीता मंदिर ट्रस्ट का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आज समारोह पूर्वक शुभारंभ हो गया। अष्टोत्तरशत श्रीमद् भागवत कथा के पूर्व मंदिर से कलश यात्रा निकली, जो नगर भ्रमण करते हुए यात्रा पुनः मंदिर वापस आई। व्यासपीठ से श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा श्रीमद् जगद्गुरु निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर स्वभु द्वाराचार्य श्री राधामोहन शरण देवाचार्य जी महाराज कर रहे है। कथा के प्रथम दिवस देवाचार्य जी महाराज ने मद्भागवत कथा प्रेमियों को प्रथम दिवस की कथा में प्रवेश कराते हुए प्रथम स्कंध के प्रथम श्लोक सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पयादि हेतवे तापत्रय विनाशाय श्री कृष्ण वयं नम: की व्याख्या करते हुए भक्तों को सुखदेव जी के जन्म की कथा का वृतांत सुनाया। जगद्गुरू जी ने कहा कि कल्प कोटि काशी बसे मथुरा कल्प हजार, एक निमिश सरयू बसे तुलय न तुलसी दास। द्वाराचार्य श्री राधामोहन शरण देवाचार्य जी ने कहा कि सुखदेव जी माता के गर्भ से जन्म लेते ही वन में चले गए। ऐसे सर्वभूत श्री सुखदेव जी जिन्हें ये भी नहीं पता की स्त्री और पुरुष में क्या भेद है। जिनके पिता श्री वेद व्यास जी उन्हें मिलने के लिए जंगल गए और पुत्र-पुत्र कहते हुए थक गए तब तरु यानि वृक्षों ने कहा की कौन किसका पुत्र और कौन किसका पिता? वेद व्यास जी आप जिनको अपना पुत्र कह रहे है वो तो कभी आपका पिता था। ऐसे शब्दों को श्रवण करने से वेद व्यास जी को सत्य का ज्ञान हो गया और वो सुखदेव जी को बिना साथ लिए ही वापस चले आए। आगे के प्रसंगों के माध्यम से परीक्षित जी के जन्म प्रसंग कुंती स्तुति भीष्म स्तुति राजा परीक्षित जी का सुखदेव जी की सभा में आगमन सधोमुक्ति का वर्णन किया। देवाचार्य जी ने श्री मद्भागवत कथा का परिचय देते हुए कहा कि श्री मद्भागवत कथा मानव जीवन का आधार है। श्री मद्भागवत ह्रदय के संशयों को दूर करती है। इस दौरान हरिनाम संकीर्तन कर ठाकुर जी का गुणगान किया। ठाकुर जी की आरती तुलसीदास जी की छावनी के महंत जनार्दन दास महाराज व हनुमानगढ़ी के महंत रामकरन दास ने किया। कथा के शुभारंभ से पूर्व यजमान ने व्यासपीठ का पूजन किया। इस महोत्सव की व्यवस्थापक द्वाराचार्य श्री राधामोहन शरण देवाचार्य जी के कृपापात्र शिष्य महंत सनत कुमार शरण लगे हुए है। कार्यक्रम के संयोजक व व्यवस्थापक महंत सनत कुमार शरण ने कहा कि पूज्य गुरुदेव श्रीमद् जगद्गुरु निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर स्वभु द्वाराचार्य श्री राधामोहन शरण देवाचार्य जी महराज जी के पावन सानिध्य में अयोध्या की धरा पर श्री राधा सर्वेश्वर भगवान की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ आज हुआ। महोत्सव का मुख्य उत्सव 28 नवंबर को होगा जिसमें भगवान राधा मोहन की प्राण प्रतिष्ठा व गुरुदेव भगवान की महंताई समारोह होगा।

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