28 नवंबर अगहन पंचमी पर दर्जनों मंदिरों से निकलेगी श्रीराम बारात
मानवता के लिए कल्याणकारी है श्री सीताराम विवाहोत्सव: श्रीमहंत जगदीश दास
अयोध्या। राममंदिर निर्माण के साथ आयोजित श्री सीताराम विवाहोत्सव का रंग अयोध्या में चटक हो गया है। इस बार उत्सव को विशेष रूप से मनाया जा रहा है। मंदिरों को सजाकर विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। कथा प्रवचन और लीलाओं का दौर शुरू हो चुका है। 28 नवंबर को अगहन पंचमी के पर्व पर दर्जनों मंदिरों से श्रीराम बारात निकाली जाएगी। श्री सीताराम विवाहोत्सव के लिए देश के कोने- कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने लगे हैं। वैष्णो नगरी अयोध्या के मंदिरों में विवाह की अलग-अलग परंपराएं हैं जिन्हें संस्थापक आचार्यों ने बनाया है।

विभिन्न परंपराओं में सदियों से विवाह के आयोजन होते रहे हैं। नगरी का प्रसिद्ध पीठ श्री हनुमान बाग मंदिर में श्री सीताराम विवाह के कार्यक्रम परंपरा के अनुसार आयोजित किया जाता हैं। महंत जगदीश दास महाराज के संयोजन में बहुत ही दिव्य भव्य राम विवाह उत्सव मनाया जाता है। पूरे राजशी ठाठ बाट से भगवान अपने अनुजों के साथ 28 नवंबर को घोड़े पर सवार होकर निकलेंगे साथ में वशिष्ठ मुनि दशरथ जी व प्रजा के रुप में संत साधक सजधज कर निकलेंगे। राम बारात की अगुवानी अयोध्या के साधु संत करेंगे। हाथी घोड़े बैड बाजे के मध्य नाचते गाते बाराती आकर्षण का केंद्र होगे। विवाह की तैयारी में पूरा हनुमान बाग परिवार लगा हुआ है।

श्रीमहंत जगदीश दास जी महाराज ने बताया कि श्री सीताराम विवाह महोत्सव सभी के लिए कल्याणकारी है और वर्तमान समय में मानवता को पुनः स्थापित करने के लिए शिक्षाप्रद भी है। सकल विश्व के नायक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और माता जानकी के विवाह से समाज को बहुत बड़ा संदेश मिलता है। अगर मनुष्य मर्यादा का पालन करें एक पत्नी व्रत रखे और पत्नी भी हमेशा पति के साथ उसके सुख दुख में सहभागी हो तो बड़े से बड़ा कष्ट और समस्या का समाधान बहुत ही आसानी से हो जाता है। कार्यक्रम की तैयारी में सुनील दास, पुजारी योगेंद्र दास, रोहित शास्त्री, नितेश शास्त्री, गोलू शास्त्री लगे है।