श्रीराम कृष्ण मंदिर में व्यासपीठ से कथा की अमृत वर्षा कर रही शीतल जी

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April 5, 2022

अयोध्या। भगवान की कोई आकृति नहीं होती है। भक्त जिस भाव से प्रभु में अपनी आस्था रखता है भगवान उसी स्वरूप में भक्त के समक्ष प्रकट होते हैं। यह बात मंगलवार को श्रीराम कृष्ण मंदिर रामकोट मंदिर मे प्रख्यात कथावाचिका महंत शीतल दीदी जी ने कही। पूज्य शीतल जी के श्री मुख से श्रीरामकथा की अमृत वर्षा हो रही है। कथा के चतुर्थ दिवस पर उन्होंने कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने रामचरित मानस में स्पष्ट किया है कि जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी अर्थात भगवान को पिता तुल्य मानने वाले को पिता-माता के समान मानने वाले को माता भाई व सखा के रूप में मानने वाले को भाई व सखा के सहित जैसे स्वरूप में देखना चाहता है उसी स्वरूप में भगवान के भक्त को दर्शन होते हैं। कार्यक्रम के संयोजक महामंडलेश्वर गणेशानंद महाराज ने कहा भगवान की कृपा से हम ये दिव्य कथा श्रवण कर रहे है। अयोध्या धाम में हम सब भगवान के जन्म महोत्सव का आनंद ले रहे है। चारों तरह बधाईयाँ बाज रही है। पूरी अयोध्या नगरी खुशियां मना रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर निर्माण हो रहा है ये बहुत खुशी की बात है। आज हिंदू जनमानस अपने आप पर गर्व महसूस कर रहा है। सौभाग्यशाली है हम लोग कि अयोध्या में कथा सुनने को मिल रहा है।

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