हनुमान बाग में व्यासपीठ से रामेश्वरबापू हरियाणी कह रहे रामकथा, भक्तों का उमड़ा भारी हुजूम

अयोध्या। रामनगरी के हनुमान बाग में श्री रामकथा महोत्सव का उल्लास अपने चरम पर है। व्यासपीठ से श्री रामकथा की अमृत वर्षा रामेश्वरबापू हरियाणी जी के श्री मुख से हो रहा है। कथा के चतुर्थ दिवस में प्रख्यात कथावाचक रामेश्वरबापू हरियाणी ने भगवान की बाललीला का बड़ा सुंदर वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान की सहज अवस्था बाल लीला के रूप में पूरे विश्व को एक नया दिग्दर्शन देता है जब भक्ति के पराभूत परमात्मा होता है तब वह बालक बन करके आता है। बापू जी ने कहा कि भगवान ज्ञानी राजा के बुलाने पर भोजन करने नहीं आते पर जब कोई भक्त परमात्मा को पुकारता है तो भगवान नाचते हुए भक्तों के पास चले आते हैं। ब्रह्मम परमात्मा और भगवान तीनों एक ही तत्व है।निर्गुण वादी जिन्हें ब्रह्म कहते है विद्वान पंडित इन्हें परमात्मा कहते हैं और भक्त उन्हें भगवान कहते है। यह तीनों बातें ऐसे ही है जैसे बादल जल और बर्फ। बापू ने भगवान श्री राम के बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया और कथा सुनाते हुए कहा कि एक ही तत्व के रूप में तीन अलग-अलग स्थानों पर अनुभव में आता है कि भगवान भक्ति के आधीन हो नरोत्तम लीला के लिए शरीर धारण करते है। भगवान अपने लीला के माध्यम से प्रत्येक लीला को अनुकरणीय रूप में प्रस्तुत करते है। बापू जी ने कहा बाल्यकाल से मनुष्य का जीवन वैसा होना चाहिए जैसे भगवान श्री राम हमें सिखाते है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने श्रेष्ठ जनों के प्रति वंदन का भाव रखते है। प्रातःकाल उठिए कै रघुनाथा मात पिता गुरु नावई माथा। वर्तमान समय में हमें अपने बच्चों को अपने आराध्य श्री राम की जीवन चरित्र को पढ़ाना चाहिए जिससे वह हमारी संस्कृति और धर्म को अनुकरण में ला सकें और समाज को नई दिशा की तरफ ले जा सके। माता पिता भाई बंधु गुरु और देश काल परिस्थितियों से प्रेम कर सकें। महोत्सव की अध्यक्षता महंत श्री चंदेश्वर बापू सीताराम कुटीर शीलज अहमदाबाद कर रहे। हनुमान बाग मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत जगदीश दास महाराज का सानिध्य इस महोत्सव को मिल रहा। मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें संतों का हुआ विशेष सम्मान। इस मौके पर मामा दास, सुनील दास, रोहित शास्त्री, गोलू दास सहित बड़ी संख्या में संत साधक मौजूद रहें।