संत परम्परा की अनमोल कड़ी थे पूज्य श्रीमहंत संतगोपाल दास: महंत बालयोगी श्रीधरदास

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May 5, 2022

प्रथम पुण्यतिथि पर संतो ने किया नमन

अयोध्या। संतो की सराय कही जाने वाली रामनगरी अयोध्या जहां अनेक भजनानंदी संत हुए है जिनके त्याग तपस्या के बलबूते न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे भारत में संत समाज की गरिमा वैभव को स्थापित किया है। ऐसा ही प्रसिद्ध मंदिर श्यामासदन है। जहां पर सच्ची साधना संतो की जगजाहिर है। श्यामासदन के प्रथम हुए महंत रामकिंकर महाराज द्धितीय लाल जी महाराज व तृतीय महंत संत गोपाल दास महाराज जिनकी त्याग तपस्या साधना की चर्चा आज भी अयोध्या ही नही आसपास के कई जिलों के लोग करते है। इन पूज्य आचार्यों के यशगाथा आज भी अयोध्या के संत समाज व आमजन करते है। इनकी त्याग तपस्या साधना की केंद्र बिंदु श्यामासदन मंदिर अपने विकास के ओर अग्रसर है। महंत संत गोपाल दास महाराज की प्रथम पुण्यतिथि मंगलवार को पूरी शिद्दत के साथ मनाई गई। मंदिर परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें रामनगरी के संत महंत आचार्य श्री को वाक्यमयी पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किये।
श्यामासदन मंदिर की बागडोर आज युवा हाथों में है। महंत संतगोपाल दास जी महाराज के सुयोग्य शिष्य बालयोगी महंत श्रीधर दास आज श्यामासदन के पीठाधीश्वर है। अपने गुरु के बतायें मार्गों का अनुसरण करते हुए बालयोगी महंत श्रीधर दास मंदिर के विकास, गौ सेवा, साधु सेवा के तनमयता से लीन होकर करते है। श्यामा सदन मंदिर में भगवान की अष्टयाम सेवा लगातार हो रही है। साधु सेवा, गौ सेवा बहुत ही बड़े पैमाने पर होता है। श्यामासदन पीठाधीश्वर महंत बालयोगी श्रीधर दास महाराज ने बताया कि आज जो भी कुछ हूँ पूज्य गुरुदेव जी की कृपा है। गुरुदेव भगवान की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई। जिसमें रामनगरी समेत पूरे भारत से मंदिर के शिष्य परिकर शामिल हुए। इस श्रद्धांजलि सभा में बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, महंत कृपालु रामभूषण दास, महंत बृजमोहन दास, महंत विवेक आचारी, महंत छविराम दास, महंत गिरीश दास, महंत बालयोगी रामदास, नागा रामलखन दास सहित बड़ी संख्या में संत साधक मौजूद रहे।

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