बंधी, रथ, हाथी,घोड़े व ऊंट रहे बारात का आकर्षक, बैड़ बाजे के बीच नाचने गाते निकले बाराती
अयोध्या। बारात जो केवल मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की ही नहीं बल्कि उनके तीन भाई परम प्रिय लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न भी दूल्हा बने रथ पर सवार थे यानि परम प्रतापी दशरथ के चारों पुत्र दूल्हा बने हुए थे और उनकी भव्य बारात ले राजा दशरथ जनकपुरी की ओर रवाना हो रहे थे। अगहन शुक्ल पक्ष की पंचमी पर धूम-धड़ाके के साथ राम बारात निकली। जिसमें बैंड बाजे, हाथी घोड़े, ढोल नगाड़े और तरह-तरह के वाद्य यंत्र बज रहे थे। इस सबके बीच रथों पर सवार भगवान के स्वरूपों पर फूलों की वर्षा हो रही थी। और अयोध्या की जनता के साथ श्रद्धालु उनकी आरती उतार रहे थे।
इस अवसर पर अयोध्या आनंद में झूमती नजर आई। बारात में शामिल श्रद्धालु बाराती के रूप में ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते दिखे। खास हो या आम, महिला हो या पुरुष, बच्चे हो या बूढ़े सभी राम के बाराती बन आनंदित और सौभाग्यशाली महसूस कर रहे थे। मंदिरों में अवधी मैथिली परंपरा से भगवान राम का विवाह हो रहा था। क्योंकि, अयोध्या की प्राचीन परंपरा अवधी है। वहीं जनकपुर में मैथिली परंपरा से विवाह होते हैं। जब से रामलला के मंदिर के निर्माण को लेकर काम में तेजी आई है, तब से अयोध्या नगरी का एक-एक त्यौहार राम के रंग में डूबा हुआ नजर आता है।
रामनगरी के प्रसिद्ध पीठ हनुमान बाग की राजशी रामबारात निकली जो अपने राजशी वैभव को प्रदर्शित करते हुए नाचते गाते निकले। इस राम बारात की अगुवाई मंदिर के महंत जगदीश दास महाराज कर रहे थे। हनुमान बाग के राम बारात में बहुत ही सुंदर झांकी निकली जिसके देखने के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। रथों पर सवार भगवान का विग्रह व घोड़ो पर सवार भगवान राम की दिव्य छटा देखने के लिए हर कोई लालायित दिखा। बारात में बंघी व उस पर सवार महंत जगदीश दास महाराज अपने राजशी वैभव का जीवंत उदाहरण स्वयं दिख रहे थे। बारात का संयोजन मंदिर के हनुमान बाग के महंत जगदीश दास महाराज के उत्ताराधिकारी योगेश दास जी महाराज, सुनील दास, रोहित शास्त्री, नितेश शास्त्री, पूरा हनुमान बाग परिवार कर रहा था।हनुमान बाग के राम बारात में हाथी, घोड़े व ऊट आकर्षक का केंद्र बने रहें।