सीताजी के मिलन के महापर्व का उत्सव चरम परिलक्षित हो रहा 

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November 26, 2022

रसिकोपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मणकिला में राम जी के विवाह की बजने लगी शहनाई

जयपुर के गोपाल सागर आश्रम विधाणी के महाराज ने बारातियों के स्वागत के लिए  किलाधीश जी को बंधेज चुनरी भेंट की

अयोध्या।सीता-राम विवाहोत्सव 28 को है, पर उत्सव का उत्साह अपने चरमोत्कर्ष पर है सभी मंदिरों में विवाह का उत्सव प्रारंभ हो गया है 28 नवंबर को गाजे-बाजे हाथी घोड़े के साथ भव्य बारात निकलेगी और ठाकुर जी का विवाह माता जानकी से संपन्न होगा। राम नगरी का उत्साह हिलोरे ले रहा और आने वाले श्रद्धालु इस अनुपम रसपान का आनंद ले रहे हैं।पुण्यसलिला सरयू के तट पर स्थित आचार्य पीठ श्री लक्ष्मणकिला रसिकोपासना की प्रधान पीठ है, जिसमें सीता जी के बिना श्रीराम की कल्पना तक नहीं की जाती है और ऐसे में श्रीराम एवं सीता के मिलन के महापर्व पर यहां उत्सव का चरम परिलक्षित हो रहा है। लक्ष्मणकिला में गुरुवार से सीताराम विवाहोत्सव पर केंद्रित रामलीला की प्रस्तुति प्रारंभ हो गई है। लीला में आज भगवान श्रीराम मिथिला में नगर भ्रमण कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया रामलीला की प्रस्तुति रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक होती है।

मंदिर से जुड़े जयपुर राजस्थान में स्थित गोपाल सागर आश्रम विधाणी के महाराज अयोध्या सिद्ध पीठ लक्ष्मण किला पहुंचे और वर्तमान पीठाधीश्वर महंत मैथिली रमण शरण महाराज को बारातियों के स्वागत के लिए बंधेज चुनरी भेंट की। महंत मैथिली रमण शरण महाराज ने बताया कि विवाह की पूरी तैयारी कर ली गई है और ठाकुर जी की बारात गाजे-बाजे के साथ 28 नवंबर को शाम 4 बजे हनुमत निवास मंदिर से निकल कर राजेंद्र निवास गोला बाजार होते हुए श्री लक्ष्मण किला पहुंचेगी जहां ठाकुर जी का विवाह संपन्न होगा। 29 नवंबर को शाम 4 बजे ठाकुर जी को कलेवा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिथिला से जुगल प्रिया , मीरा बहन और चंचला के साथ लगभग एक दर्जन सखियां अयोध्या लक्ष्मण किला पहुंच चुकी हैं जो विवाह में ठाकुर जी को रिझाने का कार्य करेंगी। इस अवसर पर महंत मैथिली रमण शरण महाराज के कृपा पात्र शिष्य संत सूर्य प्रकाश शरण सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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