स्वामी अग्रदेवाचार्य जी महाराज का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया गया

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March 6, 2022

सिद्ध पीठ रसप्रमोद कुंज के पीठाधीश्वर महंत रामप्रिया शरण जी महाराज के सानिध्य में स्वामी अग्रदेवाचार्य महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और पदों का हुआ गायन

अयोध्या। विक्रम संवत 1552 के फागुन शुक्ल पक्ष द्वितीया ग्राम रेवासा जिला सीकर राजस्थान ब्राह्मण कुल में जन्मे रसिकाचार्य स्वामी अग्रदेवाचार्य जी महाराज सनातन धर्म की रक्षा और उसके उत्तरोत्तर उन्नति के लिए निरंतर काम किए और वैष्णव परंपरा में बावन द्वाराचार्यो अपने शिष्यों द्वारा 13 द्वाराचार्य पीठ की प्रतिष्ठा कराई। स्वामी अग्रदेवाचार्य जी महाराज का प्राकट्य उत्सव सिद्ध पीठ रसप्रमोद कुंज में वर्तमान पीठाधीश्वर महंत रामप्रिया शरण जी महाराज के सानिध्य में मनाया गया जिसमें स्वामी जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और पदों का गायन किया गया। स्वामी जी महाराज के प्राकट्य उत्सव ठाकुर जी की विशेष पूजा अर्चना के साथ स्वामी जी महाराज की भी विशेष पूजा अर्चना की गई।
‌ रसमोद कुंज पीठाधीश्वर महंत राम प्रिया शरण जी महाराज ने बताया कि अग्रदेवाचार्य जी महाराज चंद्रकला जी महाराज के अवतार के रूप में माना गया है और 16 वर्ष की उम्र में श्री कृष्ण दास पयहारीजी दीक्षा लेकर शरणागति प्राप्त की।श्री महाराज जी द्वारा रसराज मई श्री सीताराम मई उपासना की अनंत सलिल फाल्गुन गंगा की भांति अविरल और मुक्त है त्रिवेणी से मिलने वाली श्री सरस्वती जी की धारा के समान इस उपासना का व्यापक रूप से प्रचार श्री अग्र देवाचार्य जी महाराज ने किया। उन्होंने बताया कि श्री महाराज जी को उपनाम अग्र अली जू के नाम से भी जाना जाता है।श्री महाराज जी ने बताया कि अग्र देवाचार्य जी महाराज प्राकट्य उत्सव हर्षोल्लास के साथ बधाई गायन करके मनाया गया। बधाई गायन में रसिक सिया छबीली शरण, व्यास राघवेंद्र शरण, व्यास लक्ष्मण पांडे, राजेंद्र पांडे, संजय, सुबोध, रामचंद्र श्रृंगारी व्यास, जयराम दास, रामस्वरूप शरण, युगल किशोर शरण, विश्राम शरण, रामानंद शरण सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त श्री अग्र देवाचार्य जी महाराज के प्राकट्य उत्सव उत्सव में सम्मिलित हुए।

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