जलझूलनी एकादशी पर स्वामीनारायण मंदिर से निकली शोभायात्रा,


स्थापित ठाकुर जी व गणपति को सरयू नदी में कराया गया नौका विहार, विधिवत पूजन के साथ गणपति बप्पा का हुआ विसर्जन
अयोध्या। रामनगरी में स्वामी नारायण संप्रदाय के आद्य संस्थापक घनश्याम महाराज की बाल्य स्थली स्वामीनारायण मंदिर रायगंज में प्रथमेश विराजमान हुए गणपति बप्पा की भव्य शोभायात्रा जलझूलनी एकादशी पर स्वामीनारायण मंदिर से निकली।इस यात्रा में मंदिर में स्थापित ठाकुर जी भी हुए शामिल। यात्रा की अगुवाई महंत अखिलेश्वर दास शास्त्री कर रहे थे। यात्रा मां सरयू के पावन तट गयी जहां पर गणपति बप्पा व विराजमान ठाकुर जी को नौका विहार कराया गया। इसके बाद गणपति बप्पा का विधिवत पूजन अर्चन के साथ विसर्जन हुआ।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। उसी के साथ पूरी नगरी में गणपति बप्पा मोरिया के नारे जयकारे गूंजने लगते हैं चारों तरफ गणेश जी के भक्त पूजा में तल्लीन होकर अपने आराध्य की सेवा भजन करते रहते हैं।
स्वामी नारायण संप्रदाय के आद्य संस्थापक घनश्याम महाराज की बाल्य स्थली स्वामीनारायण मंदिर रायगंज के महंत अखिलेश्वर दास शास्त्री कहते है हमारे यहां पूरे विधान से भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद से ही हरदिन अलग अलग पकवान से भगवान का भोग लगाते है अलग अलग भगवान का दिव्य भव्य श्रृगांर करते है। भगवान का सच्चे मन से पूजा होती है। आज जलझूलनी एकादशी के दिन भगवान की शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकली इस शोभायात्रा में मंदिर में विराजमान ठाकुर जी की भी पालकी निकली जो सरयू तट गई। जहां पर भगवान को नौका विहार कराया गया। महंत अखिलेश्वर दास शास्त्री जी ने कहा कि नौका विहार के बाद पूजन के साथ गणपति बप्पा का धूमधाम से विसर्जन किया गया यही कामना से कि अगले वर्ष और भी धूमधाम से बप्पा की अगवानी स्वामीनारायण मंदिर करेगा।