हनुमत निवास में महंत डा मिथिलेश नन्दनी शरण जी के श्रीमुख से हो रही रामकथा की अमृत वर्षा

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April 4, 2022

रामनवमी मेला अपने शबाब पर,चहुंओर हो रहा नवाह्न पारायण, बधाईयाँ व रामकथा

अयोध्या। नौ दिवसीय रामनवमी मेले के तीसरे दिन रामनगरी के दर्जनों मंदिरों में चल रही रामकथाओं में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। मेले में शामिल होने आए श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन-पूजन व सांस्कृतिक-धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के क्रम में कथाओं में पूरे मनोयोग से शामिल हो रहे हैं।हनुमत निवास मंदिर के महंत व रामकथा के विशिष्ट विद्वान प्रख्यात कथावाचक महंत डा मिथिलेश नन्दनी शरण जी रामकथा की अमृत वर्षा कर रहे है। व्यासपीठ से कथा का महत्त्व बताते हुए पूज्य महंत डा मिथिलेश नन्दनी शरण जी ने कहा कि परमात्मा से सतत संबंध होने पर जीव काल व समय के प्रभाव से मुक्त हो जाता है। इसी रहस्य के बल पर मुनियों ने जंगलों में काल को वश में कर हजारों वर्षो तक तप किया। अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ने जीवन के दो पल में एक मे अपना राज्य पुत्र को सौंप दिया व दूसरे पल में वे ईश्वर में ध्यानस्थ हो मुक्त हो गए। उन्होंने कहा कि काल सदैव सतर्क है पर जो प्रभु की शरण में आ जाता है उसे काल का भय नहीं रहता। हमारे संतों ने ऐसा करके ही इच्छामृत्यु का गौरव बार-बार हासिल किया।

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