हैंडराइटिंग और डीएनए रिपोर्ट सरकार के दबाव में बनाई गई: अनुज धर

DNA Live

November 8, 2022

कहा, नेताजी गुमनामी बाबा के लिए बने आयोगों की जांच रिपोर्ट सूक्ष्म करके, सरकार की दबाव में बनाई गई

योगी सरकार पर हमला बोलते हुए अनुज धर ने कहा, सरकार के 6 साल पूरे होने वाले हैं लेकिन गुमनामी बाबा पर बनाई गई गैलरी की ओपनिंग आम जनता के लिए क्यों नहीं

अयोध्या। सुरसर मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय श्री रामोत्सव और लिटरेचर फेस्टिवल में आए अनुज धर ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा की गुमनामी बाबा भगवान जी ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे यह सिद्ध हो चुका है । लेकिन तत्कालीन सरकार ने गुमनामी बाबा से जुड़ी साक्ष्यों कुछ छुपाया है। उन्होंने बताया की गुमनामी बाबा और नेताजी के संबंध में जितने आयोग बनाए गए सभी ने जांच रिपोर्ट सूक्ष्म करके और कहीं ना कहीं सरकार की दबाव में आकर के रिपोर्ट बनाई। उन्होंने बताया की नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा की हैंडराइटिंग जांच की रिपोर्ट मात्रा दो पन्ने में बना दी गई और यह सिद्ध कर दिया गया की दोनों अलग है और डीएनए रिपोर्ट को भी नेगेटिव बता दिया गया यह कौन नहीं जानता की सरकार के दबाव में कैसे रिपोर्ट बनते हैं।
उन्होंने बताया की अमेरिका के प्रसिद्ध हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से हमने व्यक्तिगत बिना बताए हुए दोनों राइटिंग का टेस्ट कराया और बिना बताए ही उन्होंने बताया की यह दोनों हैंडराइटिंग एक ही व्यक्त किए हैं। और उन्होंने 40 पाने की एक रिपोर्ट बनाई। उन्होंने वर्तमान सरकार पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश में 6 साल योगी सरकार के पूरे होने वाले हैं लेकिन गुमनामी बाबा पर बनाई गई गैलरी की ओपनिंग आम जनता के लिए क्यों नहीं हुई। कहीं ना कहीं वर्तमान सरकार भी दर कर कम कर रही है। उन्होंने कहा की हम सभी लोग भारत के साथ-साथ पूरे देश में अवेयरनेस फैला रहे हैं और कोई भी सरकार हो अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत मिस्त्री और गुमनामी बाबा से उनका संबंध छुपाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा जब गुमनामी बाबा की गैलरी आम जनता के लिए खोली जाएगी तो आम जनता अपने आप समझ जाएगा की यह कौन है क्या एक सन्यासी के पास इतनी बुक्स होंगी क्या एक सन्यासी इतनी नॉलेज रखेगा और अगर गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस नहीं थे तो 1985 तक सरकार के लोग गुमनामी बाबा से मिलने क्यों आते थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार के साथ-साथ वर्तमान सरकार पर भी सवाल या निशान खड़ा करते हुए कहा की आखिर नेताजी सुभाष चंद्र और गुमनामी बाबा के मौत का रहस्य को सरकार क्यों नहीं सुलझाना चाहती है।

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