भगवान राम के लंका विजय कर लौटने की खुशी में दीपावली के दूसरे दिन उदय तिथि में अमावसा की वजह से मंगलवार को मना पारंपरिक उत्सव के रुप में अन्नकूट का पर्व

पूढ़ी, कचौड़ी, मालपुआ, चूरमा, कढी, दाल, खीर आदि के लगे छप्पन भोग

अयोध्या। लंका विजय कर लौटे भगवान राम की याद में रविवार की सायं दीपोत्सव के बाद सोमवार को उदय तिथि में अमावसा पढ़ने की वजह से अयोध्या के मंदिरों में महोत्सव अगले दिन यानि मंगलवार को धूमधाम से अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। भगवान को सभी मठ-मंदिरों में 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। इस दौरान भक्तों की भीड़ और जय-जयकार से रामनगरी का उत्साह चरम पर रहा। मान्यता है कि 14 साल वनवास और लंका विजय दौरान भगवान राजकीय सुख-सुविधा से सर्वथा दूर रहे, इसलिए अयोध्या आने पर उन्हें वैभव प्रदान करने में कोई कसर न छोड़ी जाय। इसी भाव के अनुरूप रामनगरी के हजारों मठ-मंदिरों में भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। इस बीच न केवल भगवान राम, माता सीता समेत चारों भाइयों को भोग लगाने में पूरा भाव व समर्पण अर्पित किया गया बल्कि भोग के बाद प्रसाद ग्रहण करने में भी उत्सव का माहौल रहा। तकरीबन सभी मंदिर भोज-भंडारे के उत्सव से आप्लावित रहे। उत्सव में दूरदराज से आने वाले भक्तों सहित स्थानीय श्रद्धालुओं ने पूरी शिद्दत से शिरकत की।
जिसमें सुबह से ही मणिराम छावनी, कनक भवन,जानकी महल ट्रस्ट,हनुमान बाग, रामलला सदन, हनुमानगढ़ी, झुनकी घाट, करतलिया बाबा आश्रम सहित सभी मंदिरों में छप्पन प्रकार के व्यंजन बनाये गए ,जिनकी महक से नगरी का वातावरण सुवासित हो उठा। प्रथम आरती के बाद भगवान को व्यंजनों का भोग लगाकर प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया।अन्नकूट महोत्सव में प्रसाद पाने के लिए देश-विदेश के क्षेत्रों से आये श्रद्धालु पंक्ति बद्ध देखे गए। मणिराम दास छावनी में श्रीमहंत नृत्यगोपालदास जी महाराज के सानिध्य व महंत कमलनयन दास जी महाराज के संयोजन में धूमधाम से अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। जिसमें भगवान का विशेष पूजन अर्चन किया गया। छावनी में भक्तों की भारी भीड़ सुबह से ही लगी रही। सभी भक्तों को प्रसाद मिल सके इसके लिए आनंद शास्त्री जी लगे रहें। प्रसिद्ध पीठ करतलिया बाबा आश्रम में महंत बालयोगी रामदास महाराज के संयोजन में भव्य दिव्य अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। महंत रामदास कहते है कि यह परिदृश्य स्वाभाविक है, निश्चित रूप से भगवान के वन गमन के दौरान अयोध्या पूरे समय व्यथित रही होगी और भगवान जब पूरी कामयाबी से लौटे तो उनके स्वागत-सत्कार के बाद चैन की वंशी बजनी ही थी। कार्यक्रम में शामिल होने पूर्व मंत्री विधायक अवधेश प्रसाद, एडवोकेट गणेश दत्त पाण्डेय, जगदीश यादव, डा अनुराग आनंद, मौजीराम मौजूद रहें।
सरयू तट पर स्थित प्रसिद्ध पीठ सियारामकिला झुनकीघाट पर भी अन्नकूट का वैभव बयां हुआ। महंत करुणानिधानशरण एवं अधिकारी प्रभंजनानंदशरण के संयोजन में संचालित उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर सेवानिवृत्त सीनियर आईएएस राजीव कुमार, अभिषेक अग्रवाल, अनुभव अग्रवाल, उत्तम बंसल सहित शहर के तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।
