रामलला सदन देवस्थानम में बह रही श्रीमद् भागवत कथा की रसधार, मंदिर में भगवान का पवित्रोत्सव व झूलनोत्सव का छायी छटा
अयोध्या। रामलला सदन देवस्थानम में श्रीमद् भागवत कथा के द्धितीय दिवस पर कथाव्यास रामलला सदन देवस्थानम पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी डा राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि सत्यं परमं धीमहि इस संसार में एक ईश्वर ही सत्य है जो दिख रहा है वह केवल वह प्रभु की माया है। भागवत की उत्पत्ति के बारे में बताया सुखदेव भगवान को श्री व्यास जी महाराज ने भागवत को प्रदान किया वही भागवत कथा आज हम सब को सुनने को मिल रही है। स्वामी जी ने बताया कि परमात्मा इस संसार में अपने भक्तों की रक्षा के लिए अनेक, अनेक अवतार लेकर आते भागवत में चौबीस अवतारो के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों के लिए सबकुछ करने के लिए तैयार रहते है। उदाहरण में पांडवो के लिए भगवान सारथी बने। महाभारत की कथा में के बारे में भी महाराज जी ने कहा कि कौरव और पांडवों के युद्ध में विजय सत्य की ही होती है। जिसके रक्षक प्रभु होते हे उसे इस संसार में कोई नहीं हरा सकता। स्वामी जी ने पांडवों की कथा को बताया अपने कल्याण के लिए परमात्मा की भक्ति ही एक उपाय हे भक्ति को दो प्रकार की बताया निष्काम भक्ति और सकाम भक्ति। निष्काम भक्ति से परमात्मा की प्राप्ति जरूर होती है। इस महोत्सव में पूरा मंदिर फूलों से सजाया गया है। भगवान का पवित्रोत्सव के साथ झूलनोत्सव का आनंद संत साधक ले रहें है। इस मौके पर रामलला सदन देवस्थानम के संत साधक व शिष्य परिकर मौजूद रहें।