कहा, महावीर मंदिर को किशोर कुणाल ने प्राइवेट लिमिटेड बना दिया, इसकी जांच सीबीआई और ईडी से होनी चाहिए
किशोर कुणाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मंदिर में गुरु शिष्य परंपरा को खत्म करते हुए पिता पुत्र की परंपरा की नई शुरुआत की है जिसके खिलाफ अब हनुमानगढ़ी के संत सीधी लड़ाई लड़ेंगे
अयोध्या। रामनगरी के प्रसिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना के महावीर मंदिर पर मालिकाना हक जताया है। रिटायर्ड आईपीएस पटना महावीर मंदिर के सचिव किशोर कुणाल पर अयोध्या श्री पंचरामानंदी निर्वाणी अनी अखाड़ा हनुमानगढ़ी के संतो महंतों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पटना महावीर मंदिर को किशोर कुणाल ने प्राइवेट लिमिटेड बना दिया है और उनकी जांच सीबीआई और ईडी से होनी चाहिए। हनुमानगढ़ी परिसर में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री माधव दास महाराज के आश्रम पर संतो की एक बैठक हुई। पूर्व प्रधानमंत्री माधव दास ने बताया गया कि यह मंदिर स्थापना काल से ही हनुमानगढ़ी अयोध्या का था और आज भी है लेकिन वर्तमान समय में किशोर कुणाल ने गुरु शिष्य परंपरा को खत्म करते हुए पिता पुत्र की परंपरा की नई शुरुआत की है। जिसके खिलाफ अब हनुमानगढ़ी के संत सीधी लड़ाई लड़ेंगे और निष्पक्ष जांच
करा करके फिर से मंदिर में रामानंदी परंपरा और हनुमानगढ़ी अयोध्या के नियम अनुसार संचालित किया जाएगा।
महंत माधव दास महाराज ने बताया कि पटना महावीर मंदिर स्थापना काल से ही हनुमानगढ़ी का था और हनुमानगढ़ी का रहेगा। उन्होंने बताया कि महावीर मंदिर का पैसा निजी संपत्ति बनाकर के उपयोग नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि किशोर कुणाल बिना पैसे के किसी साधु को चाय नही पिलाने वाला है वो क्या किसी का सेवा करेगा।
महंत रघुनाथ दास महाराज ने कहा कि जगतगुरु स्वामी बालानंद दास जी ने स्थापना की और तब से हनुमानगढ़ी से ही महंत नियुक्त किए जाते थे वर्तमान समय में मंदिर की संपत्ति को निजी संपत्ति बनाकर के उपयोग किया जा रहा है जो उचित नहीं है।
संकट मोचन सेना अध्यक्ष महंत संजय दास महाराज ने कहा कि 350 वर्ष पहले पटना महावीर मंदिर की स्थापना स्वामी बालानन्द जी महाराज ने किया था जो उसी समय से लेकर श्री पंच रामानंदी निर्वाणी अनि अखाड़ा के शाखा के रूप में प्रसिद्ध हुआ। महाराज जी ने बताया कुछ वर्ष पहले किशोर कुणाल ने मंदिर पर आधिपत्य स्थापित किया और रामानंदी परंपरा का समूल नाश करने लगे मंदिर की संपत्ति को पैतृक मानकर देश के विभिन्न राज्यों में करोड़ों की निजी संपत्ति बनाई। जिसको लेकर अयोध्या के सिविल कोर्ट में किशोर कुणाल तथा अन्य विपक्षी गणों पर हनुमानगढ़ी की तरफ से मुकदमा भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारत का पहला मंदिर है जहां 28 वर्ष पहले दलित पुजारी की नियुक्ति हुई क्योंकि रामानंद संप्रदाय जातिपाती को नहीं मानता है सबको लेकर चलने का प्रयास करता है। 21 जून 2021 को हनुमानगढ़ी अयोध्या में सर्वसम्मति से महेंद्र दास को पटना महावीर मंदिर का महंत बनाया गया था। महंत महेंद्र दास ने बताया कि किशोर कुणाल द्वारा बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक और अध्यक्ष पद पर रहते अपने निजी नाम से अन्य न्यास की जमीनों को ट्रांसफर कराया और बिकवा या उसके साथ महावीर मंदिर के पैसे से वह अपनी निजी संपत्ति बनाने में लगे हैं उनकी संपत्ति की जांच सीबीआई और ईडी से होनी चाहिए। उन्होंने कहा किशोर कुणाल पर आरोप लगाया कि वह महंथी परंपरा के खिलाफ हैं और पिता पुत्र की परंपरा के अनुसार मंदिर का संचालन कराना चाहते है। इस अवसर पर महंत माधव दास, महंत रघुनाथ दास, महंत संजय दास, महंत महेंद्र दास, महंत इन्द्र देव दास, वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास, कृष्ण कांत दास, पहलवान मनीराम दास, शिवम श्रीवास्तव जी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।