जिनके कर्म श्रेष्ट होते है वो संसार को सुंदर बनाते है: महंत श्रीधर दास
अयोध्या। प्रसिद्ध पीठ श्यामा सदन मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का उल्लास अपने चरम पर है। व्यासपीठ से कथा की अमृत वर्षा प्रख्यात कथावाचक श्यामा सदन पीठाधीश्वर महंत श्रीधर दास महाराज कर रहे है। कथा के चतुर्थ दिवस महाराज श्री ने प्रभु के वामन अवतार के वृतांत का विस्तार पूर्वक वर्णन भक्तों को करवाया एवं कृष्ण जन्मोत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया। कथा के चतुर्थ दिवस की शुरुआत भागवत आरती के साथ की गई।व्यासजी ने कहा कि जिनके कर्म श्रेष्ट होते है वो संसार को सुंदर बनाते है। महंत श्रीधर दास ने बताया कि वामन अवतार भगवान विष्णु के दशावतारो में पांचवा अवतार और मानव रूप में अवतार था। जिसमें भगवान विष्णु ने एक वामन के रूप में इंद्र की रक्षा के लिए धरती पर अवतार लिया। महंत श्रीधर दास ने वामन अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि जब मानव दान में पूर्णता आ जाती है, तब भगवान स्वयं याचक बन कर आ जाते हैं और चरण कमल से कल्याण करते हैं। द्वारपाल बन कर उसकी रछा करते हैंं। कथा में भक्त पहले दिन से ही आनंद में डूबकर भजनो में झूमते एवं नाचते नजर आ रहे हैं।जैसे ही कथा के दौरान भगवान कृष्ण का जन्म हुआ पूरा मंदिर जयकारों से गूंज गया। महंत श्रीधर दास जी महाराज ने कहा कि प्रभू के आते ही माया मोह के बन्धन टूट जाते हैं और संसार रूपी कारागार से मुक्त हो जाता है। भक्ती रूप जमना में आकंठ निमग्न हो जाता है। कथा के दौरान कृष्ण जन्म उत्सव और भजनों पर श्रद्धालु जमकर नाचे। भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया। एक दूसरे को कृष्ण जन्म की बधाईयां दीं।कथा से पूर्व व्यासपीठ का पूजन यजमान महेश प्रसाद गुप्ता, आशा गुप्ता समस्त पावटा परिवार ने किया। इस मौके पर श्यामा सदन के संत साधक व शिष्य परिकर मौजूद रहें।