रविवार को भगवान लक्ष्मी नारायण का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा,मां सरयू का जल दुग्ध एवं फलों के जूस से होगा अभिषेक

अयोध्या। प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन के भव्य माधव भवन में रामनवमी के पावन उपलक्ष म चल रही सप्त दिवसीय अष्टोत्तर शतक श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस मे व्यास पीठ पर विराजमान जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए प्रेरणा देते हैं प्रभु को साक्षी मानकर विष पीकर भी भगवान शिव अमर हो जाते हैं और मन में हीन भावना रखकर अमृत पान कर कर भी दैत्य राहु का वध प्रभु करते हैं परीक्षित सुखदेव जी से कहते हैं। प्रभु कोई ऐसी कथा श्रवण कराएं जिससे मेरा मन और भी स्थिर हो जाए सुखदेव जी महाराज पशु रूप में गज और ग्राह की कथा का श्रवण कराते हैं। उन्होंने कहा कि गज के विपत्ति में पड़ जाने पर जब संसार का सभी साथ छूट गया तो गज ने एक कमल पुष्प अपनी सूंड में लेकर प्रभु नारायण को स्मरण किया भगवान बैकुंठ से दौड़कर आते हैं काल रुपी ग्रह का संघार करते हैं। शरणागत रक्षक हैं प्रभु भगवान श्री राम के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा मनुष्य को मानवता की शिक्षा देने के लिए प्रभु मानव रूप में इस धरा पर आते हैं। जगद्गुरु जी ने कहा कि भगवान श्री राम के जैसा भ्रातृत्व प्रेम यदि हमारे जीवन में आ जाए तो इस घोर कलयुग में भी हम मनुष्य प्रसन्नता पूर्वक रह सकते हैं। भक्त जनों की रक्षा के लिए और दुष्टों के विनाश के लिए धर्म की स्थापना के लिए भगवान इस धराधाम में रामकृष्ण आदि रूपों में अवतरित होते हैं। महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म तक की कथा का श्रवण कराया सभी भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ नृत्य किया बधाई वितरित की। कथा के मुख्य यजमान बद्रीनारायण बलदवा, राधेश्याम खेतान, सुभाष रांदढ एवं विभिन्न राज्यों से पधारे भक्तजन कथा का श्रवण कर आनंदित हो रहे हैं।रविवार को भगवान लक्ष्मी नारायण का वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में सरयू जल दुग्ध एवं फल के जूस द्वारा अभिषेक होगा।