भगवान की कथा मंगलकारी है,जाे अमंगल का नाश करती है:महंत करुणानिधान शरण

प्रसिद्ध पीठ सियारामकिला झुनकी घाट पीठाधीश्वर महंत करुणानिधान शरण महाराज के सानिध्य में रामजन्मोत्सव का छाया उल्लास,रामकथा का हुआ शुभारंभ
अयाेध्या। रामजन्म महाेत्सव के पावन अवसर पर सियारामकिला झुनकी घाट दुल्हन की तरह सजी है। परे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। मंदिर में 51 वैदिक आचार्य नवाह परायण पाठ कर रहे है। मंदिर में आज से भव्य रामकथा का शुभारंभ हुआ। व्यासपीठ से कथा की अमृत वर्षा कर रहें है। महाेत्सव काे पीठ के महंत करुणानिधान शरण महाराज ने सानिध्यता प्रदान करते हुए कहा कि भगवान राम जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में श्रीरामकथा की शुरूवात हाे गई है। भक्तगण कथा का रसपान कर अपना जीवन कृतार्थ करें। महंतजी ने कि भगवान की कथा मंगलकारी है। जाे अमंगल का नाश करती है। कथा हमें परमात्मा तक पहुंचाने का सबसे सुगम मार्ग है। इसके द्वारा हमें भगवान का सानिध्य मिलता है। अवधधाम में रामकथा का श्रवण करने और कराने से अपार पुण्य की प्राप्ति हाेती है। वह भी जब रामजन्म महाेत्सव चल रहा हाे। ताे उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अमृतमयी श्रीरामकथा के प्रथम दिवस भक्तों काे रसास्वादन कराते हुए प्रख्यात रामकथा मर्मज्ञ कथाव्यास व्यासपीठ से कथा कहते मंदिर के अधिकारी प्रख्यात कथावाचक प्रभंजनानन्द शरण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने पूरी दुनिया काे मानवता का पाठ पढ़ाया। हमें भगवान की मर्यादा का पालन करना चाहिए। आज हम सब राम जन्मोत्सव पर भगवान की अमृतमयी कथा का श्रवण कर रहे हैं। जीव प्रभु राम का अनुसरण करे। उनके बतलाए हुए सच्चाई के मार्ग पर चले। साथ ही उनकी मर्यादा को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करे।कथा के उद्घाटन सत्र में करुणानिधान भवन के महंत रामजी दास महाराज, भागवत विद्यापीठ के तुलसीदास जी, हनुमान किला के महंत रामभजन दास, संत राम नारायण सहित बड़ी संख्या में संताें ने अपने विचार व्यक्त किए।
