महंत नारायणाचारी शिद्द्त से हुए शिरोधार्य

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December 12, 2022

79वीं जयंती पर आचारी मंदिर में संत धर्माचार्यों ने श्रद्धांजलि दी

राममंदिर आंदोलन में जिन चुनिंदा संतों ने भूमिका निभाई उनमें महंत नारायणाचारी अग्रिम पंक्ति में रहे: जगद्गुरु

गुरुदेव भगवान की स्मृतियां सदैव अक्षुण्ण रहेगी: महंत विवेक आचारी

अयोध्या। रामनगरी की प्राचीनतम व पौराणिक पीठ आचारी मंदिर के पूर्वाचार्य राम मंदिर आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लेने वाले महंत नारायणाचारी जी महाराज की 79वीं जयंती रविवार को बहुत धूमधाम से मनाई गई है। इस अवसर पर संत-धर्माचार्यों ने उन्हें याद करते किया। रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण ने कहा कि महंत नारायणाचारी जी महाराज का राममंदिर के आंदोलन में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि राममंदिर आंदोलन के दौरान जिन चुनिंदा संतों ने अहम भूमिका निभाई थी उनमें महंत नारायणाचारी जी महाराज अग्रिम पंक्ति में शामिल रहे। उनके जैसे संतों ने ही मंदिर आंदोलन को धार दी थी।
महंत विवेक आचारी ने कहा कि पूज्य गुरुदेव भगवान की स्मृतियां सदैव अक्षुण्ण रहेगी। उनके द्वारा स्थापित परंपराओं का सम्यक निर्वहन ही हमारी प्रतिबद्धता है।जयंती समारोह आचारी मंदिर के महंत विवेक आचारी के संयोजन में हुआ।
आयें हुए अतिथियों का स्वागत कौस्तुभमणि आचारी व बादल आचारी ने किया।
जयंती समारोह में मुख्य रुप से रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास,तुलसीदास जी की छावनी के महंत जनार्दन दास,महंत अर्जुन दास, महंत रामजीशरण, महंत परशुराम दास, हनुमानगढ़ी के सरपंच महंत रामकुमार दास,  महंत शशिकांत दास, महंत दिलीप दास शास्त्री, महंत मनीष दास, राजगोपाल मंदिर के डा शरद जी, नागा रामलखन दास सहित बड़ी संख्या में संत महंत व मंदिर से जुड़े शिष्य परिकर मौजूद रहे।

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