एक माह पूर्व घर गिराने के बाद छप्पर गिराने पहुंचे थे एसडीएम

जलता छोड़ भागे अफसर
महौली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान अचानक लगी आग में घिरी मां-बेटी को बचाने की बजाय एसडीएम और उनकी टीम भाग निकली
टीम ने अगर बचाने की कोशिश की होती तो जान बच सकती थी, आग कैसे लगी अभी स्पष्ट नहीं
पीड़ित कृष्ण गोपाल के अनुसार राजस्व कर्मियों ने आग लगाई जबकि प्रशासन मां-बेटी पर ही आग लगाने का आरोप मढ़ रहा है
एसडीएम व लेखपाल ने दबंग के कहने पर घर गिरा दिया। आग लगा दी, जिसमे मेरी पत्नी-बेटी जिंदा जल गई: कृष्ण गोपाल दीक्षित
कानपुर देहात। अतिक्रमण के नाम पर घर गिराने से क्षुब्ध महिला ने सोमवार दोपहर बेटी समेत खुद को कमरे में बंद कर छप्पर में आग लगा ली। इससे कब्जा गिराने पहुंचे अफसरों के हाथ- पांव फूल गए। उन्होंने जेसीबी से जलता छप्पर हटवाने की कोशिश की तो मो बेटी पर गिर गया। जिससे दोनों की मौत हो गई। पति भी झुलस गया। सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लिया है।
मां-बेटी को जलता देख ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। एसडीएम टीम समेत गाड़ियां छोड़ भाग गए। ग्रामीण सोमवार रात तक शव नहीं उठने दे रहे थे। खबर लिखे जाने तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। पति ने राजस्व टीम पर छप्पर फूंकने का आरोप लगाया, जबकि डीएम ने महिला द्वारा खुद आग लगाने की बात कही है।
महोली गांव के गेंदनलाल दीक्षित ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर मकान बनाने की शिकायत की थी। कृष्ण गोपाल ने बताया कि 13 जनवरी को राजस्व टीम ने जेसीबी से मकान दहा दिया। उसके बाद केस दर्ज करा दिया। वह छप्पर रख रहने लगा तो सोमवार दोपहर एसडीएम मैथा व एसओ करा पर दाने के लिए फिर गांव पहुंचे। झोपड़ी के बाहर बने मंदिर व चबूतरे को दहाया। इसके बाद छप्पर गिराने लगे। इससे क्षुब्ध कृष्णपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित (44) झोपड़ी में घुसी व ‘मर जाऊंगी कहते दरवाजा बंद किया। दरवाजा खोला तो था प्रमिला चीख रही थी कि इन लोगों ने आग लगा दी है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जेसीबी से छप्पर हटाने की कोशिश की गई पर गिर गया। पीड़ित के मुताबिक, प्रमिला व बेटी नेहा जल गई।