पैदल मार्च कर किया जबरदस्त विरोध प्रदर्शन, कहा सनातन धर्म की रक्षा के लिए सदैव तैयार है हनुमानगढी

संकट मोचन सेना अध्यक्ष महंत संजय दास की अगुवाई में सैकड़ों नागा साधु संत उतरे रोडपर, स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भरी हुंकार
स्वामी प्रसाद मौर्य माफी मांगे नही तो अखाड़ा उन्हें ठीक कर देगीं: महंत संजयदास
अयोध्या। रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा विवादित बयान दिया गया था। इसके बाद पूरे देश में स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध हुआ। साधु-संतों द्वारा भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई गई थी। रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी पर भड़के अयोध्या हनुमानगढ़ी के नागा साधु संत।
श्री राम भक्त हनुमान जी महाराज के परिसर से लता मंगेशकर चौक तक स्वामी प्रसाद का पुतला लेकर निकाला जुलूस और जूते का माला पहनाकर जलाया गया। संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने कहा की किसी को हक नहीं है हमारे धार्मिक ग्रंथों पर टिप्पणी करने का। उन्होंने कहा कि जो स्वामी प्रसाद मौर्या ने श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी की है रामचरितमानस के बारे में क्या जानते हैं। आदि कवि तुलसीदास जी महाराज ने रामचरितमानस महा ग्रंथ की रचना अवधी भाषा में की और जिस चौपाई की अनाप-शनाप अर्थ निकाला जा रहा है उस पर गहनता से अध्ययन करें हिंदी साहित्य और अवधी साहित्य के जानकारों से डिबेट करें उसके बाद भी धार्मिक ग्रंथों पर किसी भी राजनेता को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। नरसिंह मंदिर प्रकरण पर महंत संजयदास ने कहा कि अयोध्या प्रशासन लगभग एक महीना होने वाला है और नरसिंह मंदिर के महंत को खोजने में नाकामयाब रही है जल्द से जल्द इसको भी संज्ञान में लेते हुए शीघ्र कार्रवाई करें।
निर्वाणी अनी अखाड़ा हनुमानगढी के पूर्व प्रधानमंत्री महंत माधव दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य को हिदायत देते हुए कहा कि साधु-संतों से माफी मांग लो, नहीं तो हमारे नागा साधु आपको ठीक कर देंगे।निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत मुरली दास महाराज का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया, उसके बाद साधु-संतों पर उंगली उठायी। ऐसा लगता है कि उनकी बुद्धि खराब हो गई है।सनातन परंपरा पर विवादित बयान दे रहे हैं। यह स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए हानिकारक होगा।
हनुमत संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य गद्दी नशीन श्री महंत प्रेमदास जी महाराज के शिष्य डॉ महेश दास ने कहा कि वर्तमान समय में बिना कुछ समझे लोग हिंदू सनातन धर्म को टारगेट कर रहे हैं जो उचित नहीं है सनातन धर्म समरसता का प्रतीक है और रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है जो समाज से सभी भ्रांतियों को मिटाता है इसलिए रामचरितमानस पर टिप्पणी संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस मौके पर निर्वाणी अखाड़ा के श्री महंत मुरली दास, पूर्व प्रधानमंत्री महंत माधव दास, जगद्गुरू परमहंस आचार्य, महंत रामशंकर दास, महंत डा महेश दास, श्रृंगार कुंज के महंत हरिभजन दास, महंत नंदराम दास, महंत सत्यदेव दास, महंत इन्द्र देव दास, बड़े हनुमान अधिकारी छविरामदास, हनुमान बाग के सुनील दास, महंत अजीत दास, पुजारी हेमंत दास, मामा दास, राजेश पहलवान, अभिषेक दास, कृष्ण कांत दास, सूर्य भानदास, कल्लू दास, शिवम श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में नागा साधु, व्यापारी व आमजन मौजूद रहें।