अब शौर्य न गम, विकास की ओर बढ़े रामनगरी के कदम

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December 6, 2022

विहिप और साधु-संत करेंगे शौर्य दिवस से परहेज तो मुस्लिम समुदाय नहीं मनाया यौम-ए-गम

आज 6 दिसंबर है पता ही नही चला अब अतीत भूलकर कर रहे नई शुरूआत: नन्हे मिंया

अब गम व गुस्से की क्या जरूरत, नई अयोध्या में अब रोजगार की जरूरत है: सुल्तान अंसारी

अयोध्या। रामनगरी 6 दिसंबर पर 30वीं बरसी मना रही है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से टाइट कर दी गई है। मंगलवार को रामनगरी हर रोज की तरह श्रद्धालुओं से गुलजार दिखी। मठ-मंदिरों में जयकारे गूंज रहे थे। कहीं कोई भय व तनाव का माहौल नहीं था। जगह-जगह विकास के काम चल रहे थे। मुस्लिम न तो यौम-ए-गम मनाने की तैयारी में दिखे ई न ही विहिप व साधु-संत शौर्य दिवस की बात कर रहे थे। हर वर्ग का कहना था कि इस तारीख को भूल जाना ही बेहतर है।

अभिराम दास वार्ड के भावी पार्षद समाजसेवी युवा सपा नेता सुल्तान अंसारी कहते है कि अब गम व गुस्से की क्या जरूरत है। नई अयोध्या में अब रोजगार की जरूरत है।जिससे युवाओं को बाहर न जाना पड़े।उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय नहीं मनाएगा यौम-ए-गम अब अयोध्या का गम दूर हो रहा है।

रामनगरी अयोध्या के सर्वधर्म समभाव समिति के अध्यक्ष व गंगा जमुनी तहजीब के मिशाल समाजसेवी मोहम्मद इरफान अंसारी नन्हे मिंया कहते है कि आज 6 दिसंबर है पता ही नही चला अब अतीत भूलकर कर रहे नई शुरूआत।उन्होंने कहा कि सब अल्लाह की मर्जी से होता है अल्लाह की शायद यही मर्जी रही हो यह स्थान हिंदू भाइयों का है इसलिए उनके हक में फैसला हुआ। हम सब एक हैं आपस में मिलकर रहते हैं और अब विवाद व गम को भूल कर तरक्की की तरफ नई दिशा की तरफ आगे बढ़ना होगा। समाजसेवी मोहम्मद इरफान अंसारी नन्हे मिंया दोपहर की नमाज के बाद घर पर धूप सेंक रहे थे। उन्होंने कहा कि अब कोई गम नहीं मनाएंगे।

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