चक्रवर्ती सम्राट दशरथ जी के राज महल बड़ा स्थान में राम जन्मोत्सव पर रामकथा महोत्सव का हुआ शुभारंभ
विंदुगाद्याचार्य महान्त श्रीदेवेन्द्रप्रसादाचार्य जी महाराज के अध्यक्षता व मंगल भवन पीठाधीश्वर महंत कृपालु रामभूषण दास के संयोजन में मनाया जा रहा उत्सव
अयोध्या। रामनगरी का ऐतिहासिक मेला चैत्र रामनवमी आज से शुरू हो गया। रामनगरी के मठ मंदिर अपने आराध्य के जन्म महोत्सव का आनंद लेने के लिए तैयार है। मंदिरों में चारों तरह मंगल ध्वनि मे भगवान राम के चरित्र का गुणगान व नवाह्न पारायण पाठ का शुभारंभ हो गया।
श्रीराम लला के जन्मोत्सव पर चक्रवर्ती सम्राट दशरथ जी के राजमहल में बड़ा स्थान में बिंदुगाद्याचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य जी महाराज के सानिध्य नौ दिवसीय श्रीराम कथा का हुआ शुभारंभ। कथा के प्रथम दिवस की बेला में व्यासपीठ से श्री राम कथा के सरस प्रवक्ता श्री सत्यम पीठाधीश्वर नरसिंह दास भक्तमाली ने प्रभु श्री राम के नाम की महिमा और उनके चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम जी का चरित्र ,जीवन में संयम से प्रारंभ होता है और समाज में संयम धारण करने का संदेश देता है और प्रभु के श्री श्री राम जप से ही मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है और प्रभु के धाम में उनकी शरणागति प्राप्त होती है।
कथा के शुभारंभ में स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य महाराज ने आरती उतारी और कहां कि प्रभु श्री राम की लीला श्रवण से ही मनुष्य ही नहीं चराचर ब्रह्म में विराजमान सभी लोग मुक्त हो जाते हैं और कथा उनके चित्त को निर्मल कर देती है इसलिए भगवान के जन्मोत्सव पर तो उनके लीलाओं का गुणगान अवश्य ही सभी को कथा में सुननी चाहिए जिससे उसका जीवन धन्य हो जाए। इस अवसर पर कथा श्रवण के लिए पधारे सभी संतो महंतों अतिथियों का श्री महाराज जी के कृपापात्र शिष्य मंगल भवन पीठाधीश्वर महंत कृपालु राम भूषण दास ने स्वागत किया। श्री राम कथा के विश्राम बेला पर रामायण जी की आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर दिगंबर अखाड़ा महंत सुरेश दास,नव्य न्यायाचार्य तुलसी दास महाराज, रामायणी महंत रामशरण दास, करुणा निधान भवन के महंत राम जी दास सहित कई विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर नंदकुमार मिश्र पेड़ा महाराज,संत दास सहित सैकड़ों संत महंत उपस्थित रहे।