दूसरों की भलाई करने का सबक देता है रमजान महीना: सुल्तान अंसारी

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April 2, 2023

कहा, मुबारक महीने में अल्लाह रोजेदारों की दुआएँ कुबूल करता है

महिलाओं को रोजा रखना चाहिए, बदलते वक्त के साथ सामाजिक मर्यादाओं का ध्यान भी बहुत जरूरी दीनी तालीम भी महिलाओं को लेनी चाहिए, बराबरी के दर्जे को लेकर सामाजिक एकता कायम रखने का संदेश भी यह पाक महीना देता है

अयोध्या। रमजान मुबारक का रोजा इस्लाम के स्तंभ में एक अहम स्तंभ है जिसके बगैर इंसान अधूरा मुसलमान रहता है। यह पाक महीना दूसरों को भलाई करने का सबक देता है। यतीमों की मदद करने से अल्लाह की कृपा मिलता है उक्त बातें एसएफसी म्यूजिक कंपनी के प्रड्यूसर समाजसेवी सुल्तान अंसारी ने प्रेस से बात करते हुए कही। सुल्तान अंसारी कहते है कि महिलाओं को रोजा रखना चाहिए। बदलते वक्त के साथ सामाजिक मर्यादाओं का ध्यान भी बहुत जरूरी है। इसके लिए दीनी तालीम भी महिलाओं को लेनी चाहिए। बराबरी के दर्जे को लेकर सामाजिक एकता कायम रखने का संदेश भी यह पाक महीना देता है। कुरआन शरीफ में अल्लाह ने रोजे के बारे में सूरह अल्लाह बकर की आयत 183 में फरमाया है। मुसलमानों पर रमजान-उल-मुबारक के पूरे महीने रोजे रखने का हुक्म दिया गया और जो भी बगैर किसे जायज मजबूरी के रमजान-उल-मुबारक का एक रोजा भी छोड़ दें तो वह बहुत ही सख्त गुनहगार होगा और फिर रमजान-उल-मुबारक के अलावा वह शख्स चाहे दूसरे महीने में रोजे रखता रहे उसको वह सवाब और बरकतें हासिल नही होंगी। एक रोजेदार अल्लाह के वास्ते अपनी ख्वाहिशों और लज्जतों को कुर्बान करता है इसलिए अल्लाह ने इसका सवाब भी सबसे निराला और बहुत ज्यादा रखा है। इस मुबारक महीने में अल्लाह उनकी दुआएँ कुबूल करता है।

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